सरकारी अभिलेखों में एक ही व्यक्ति को दिखाया गया कई बार मृतक

पीड़ित ने डीएम सहित अधिकारियों से की शिकायत
मानपुर/सीतापुर। आखिर एक व्यक्ति कितनी बार मरेगा और जिन्दा होगा। यह सरकारी अभिलेखों से उजागर हो सकता है। एक पुत्र अपने पिता को मारने व जिन्दा करने का क्रम ही बना लिया। वह कभी मरता तो कभी गायब हो जाता और अन्त में पुनः मर जाता। यह फिल्मों में देखा गया था। फिल्मी कहानी को तहसील बिसवां के राजस्व ग्राम महमदपुर के ग्राम पुरवा फत्तेपुर में असल मे देखने को मिला। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिसवां ब्लाक की ग्राम पंचायत महमदापुर के ग्राम पुरवा फत्तेपुर में राधेश्याम व पुत्तीलाल पुत्र जोधी उर्फ जोधे ने सरकारी तन्त्र को गुमराह कर चन्द कागज के टुकड़े के चलते चरित्रार्थ कर दिया कि अधिकारी व कर्मचारी पैसे के बल पर क्या से क्या कर सकते हैं।
राधेश्याम व पुत्तीलाल ने अपने पिता को की बार अलग अलग तिथियों में मृतक दिखाकर अपने परिवारिक जनों की जमीन हड़पने का प्रयास किया। ग्राम पुरवा फत्तेपुर के कमलेश कुमार पुत्र प्यारे लाल ने बताया कि उनकी भूमि परगना बिसवॉ के राजस्व ग्राम महमदापुर की गाटा संख्या 983 क्षेत्रफल 1.4930हे पर अकिंत है। जिसका परिवारिक वाद न्यायालय राजस्व परिषद प्रयागराज मे प्यारेलाल बनाम राधेश्याम लम्बित है। उक्त भूमि पर मेरे द्वारा रोपित यूकेलिप्टस, शीशम, गूलर, आम, सागौन के पेड लगे हुए है। जिनको राधेश्याम व पुत्तीलाल पुत्र जोधी उर्फ जोधे द्वारा अपनी दबंगता के कारण नाजायज रुप से कटवा लिए है। उक्त की सूचना थाना मानपुर को दी गयी तो पुलिस ने नाजायज दबाव बनाते हुए प्रार्थी से जबरन सुलहनामे पर हस्ताक्षर करवा लिए इससे पहले इस विवाद में पुलिस मानपुर ने 3अप्रैल 2023 को धारा 151/107/116 के तहत उपजिलाधिकारी बिसवाँ के यहॉ चालान भेज दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उल्टा उनपर ही कार्यवाही की विपक्षी पर कोई कार्यवाही नही की। उन्होंने यह भी बताया कि राधेश्याम व पुत्तीलाल पुत्र जोधी उर्फ जोधे ने अपने पिता जोधी उर्फ जोधे को न्यायालय तहसीलदार बिसवॉ के यहॉ मु0स0 11/176 10जुलाई 1990 धारा 34 में जोधे की मृत्यु 7सितम्बर1990 से पूर्व दिखाई गयी है, जबकि जोधे की सरकारी अभिलेखों में भी 15जून 1995 व राजस्व अभिलेखो मे लेखपाल द्वारा सन 1994 मे मृतक दिखाया है। जबकि 23जून1996 मे परिवार रजिस्टर नकल मे जोधे को सेकेटरी अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बाहर चले गए दरसाया है आखिर एक व्यक्ति कितनी बार मृत व जिन्दा होगा। जो जांच का विषय है इस प्रकरण को उजागर करते हुए कमलेश ने आयुक्त/सचिव उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद लखनऊ, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ, पुलिस अधीक्षक जनपद, उपजिलाधिकारी बिसवं, जिलाधिकारी जनपद को पत्र भेजकर राधेश्याम व पुत्तीलाल पुत्र




