एक शिक्षक के भरोसे 1 सैकड़ा से अधिक छात्रों का भविष्य

बिसवां/सीतापुर। सरकार शिक्षा के प्रति काफी जागरूक है। उसका उद्देश्य कोई भी व्यक्ति अशिक्षित न रहे इसके लिए सरकार गांव गांव शहर शहर में स्कूल चलो अभियान के तहत शिक्षा का प्रचार प्रसार कर आ रही है, जिससे हर व्यक्ति शिक्षा के प्रति जागरूक हो सके। इसके साथ ही परिषदीय विद्यालयों की कायाकल्प करके शिक्षा का स्तर भी सुधारा जा रहा है, लेकिन मजे की बात तो यह है कि जहां सरकार बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रही है।
वही शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कस्बे में बने प्राथमिक विद्यालय अमरनगर व कम पोजिट विद्यालय झज्जर में देखने को मिल जाएगा। उक्त दोनों विद्यालयों में बच्चों की संख्या क्रमशः 104, 72 है। लेकिन दोनों में अध्यापक एक एक ही तैनात है। एक अध्यापक किस तरह बच्चों को पढ़ा सकेंगा। अलग-अलग कक्षाओं के अलग-अलग बच्चों को एक अध्यापक कैसे देख सकता है और न ही शिक्षण कार्य कराया जा सकता है।
इस संदर्भ में नगर शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त पद भार पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी परसेंडी ऋषि कुमार से बात की गई। उन्होंने बताया कि यह मेरी संज्ञान में है लेकिन नगर क्षेत्र में अध्यापकों की कमी है। शासन को लिखा भी गया है। जैसे ही कोई नई नीति बनती है तो अध्यापक बढ़ाए जाएंगे ।लेकिन इस व्यवस्था से शिक्षा का स्तर दिन पर दिन गिरता नजर आ रहा है । और शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षा विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।




