नैमिष को कमिश्नरी दर्जा दिया जाए-डॉ अम्मार

नैमिषारण्य के विकास के प्रयासों के लिए सीएम को पूर्व मंत्री ने दिया धन्यवाद
महमूदाबाद/सीतापुर। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा विश्व पटल पर प्रसिद्ध नैमिषारण्य के विकास के लिये शुरू किये गये प्रयासों पर यूपी के पूर्व मंत्री डा. रिजवी ने आभार व्यक्त किया है। डा. रिजवी ने नैमिष को पवित्र भूमि बताते हुए सीएम से इसे कमिश्नरी का दर्जा दिये जाने की मांग की है।
अखिल भारतीय मायनारिटीज़ फ़ोरम फ़ार डेमोक्रेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व कार्यवाहक सीएम डा. अम्मार रिजवी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि 1980 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में मुझे 18 विभागों का दायित्व मिला हुआ था, जिसमें पर्यटन भी था। उप्र सरकार को हमने पर्यटन विभाग की ओर से एक विस्तृत योजना क्रियान्वयन के लिए भेजी थी, जिसमें नैमिषारण्य के सौन्दर्यीकरण, जीर्णोद्वार, सड़क निर्माण, वृक्षारोपण की योजना थी।
इसके अतिरिक्त वहां पर एक वैदिक और संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की भी योजना शासन में मेरे शिक्षा मंत्रित्वकाल में भेजी गई थी। इसके अतिरिक्त वहां पर पत्थर का कार्य, दधीची मंदिर के सामने तालाब की सफाई, मरम्मत और सड़कों की मरम्मत, डाक बंगले का जीर्णोद्वार किया गया था। डा. रिजवी ने कहा कि नैमिषारण्य का अलग इतिहास है। संसार के किसी भी हिस्से में इतनी भारी संख्या में विद्वान एक स्थान पर जमा नहीं हुए जितने नैमिष में हुए। करीब तीन साल से अधिक मंथन चला।
वेद और पुराण की रचना हुई। वेदों और पुराणों को देखने से पता चलता है कि वह किसी एक धर्म से संबंधित नहीं हैं। उनका विषय मानवता ही रहा है। डा. रिजवी ने कहा कि संयुक्त धार्मिक संगठन के लिये नैमिषारण्य सबसे उपयुक्त जगह है क्योंकि हज़ारों साल पहले यहां से महाऋृषि व्यास जी ने सबसे पहले ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ का संदेश दिया था। उन्होने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि नैमिष को एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का विश्व शान्ति एवं भाईचारे का केन्द्र बनाया जाए तथा सीतापुर को चित्रकूट की तरह कमिश्नरी का दर्जा दिया जाय।




