ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से अधूरे पड़े हैं रामदासपुर गांव में विकास कार्य

- नाली ना होने से सालो से आरसीसी रोड पर बह रहा है गंदा पानी
राहुल तिवारी
लखनऊ। विकास खंड सरोजनीनगर जहाँ आज भी तमाम गांवो में ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत के कारण तमाम विकास कार्य अधूरे पड़े हुए हैं और जिम्मेदार आँखे मूंदे हुए हैं।विकास कार्य सिर्फ पेशबंदी के तहत यूँ ही पड़े हुए हैं चाहे वह नाली हो या खड़ज्जा ऐसा ही एक मामला विकास खंड सरोजनीनगर के ग्रामसभा रामदासपुर का है जहाँ आरसीसी रोड पर लगातार पांच वर्षों से घरों का गंदा पानी बह रहा है और इस गंदे पानी से होकर गाँव के ग्रामीण निकलने को मजबूर है। रामदासपुर गाँव निवासी अंकित तिवारी के घर से लगाकर अनिल तिवारी के मकान तक बने इस आरसीसी रोड पर लगातार पांच वर्षों से जल भराव की स्थिति बनी हुई है जिसका सबसे बड़ा कारण है यहां पर नाली न होना। तमाम बार इसकी जानकारी खंड विकास अधिकारी सरोजनीनगर जिला पंचायत राज अधिकारी से लेकर गाँव के सचिव व ग्राम प्रधान तक से दी गई लेकिन किसी के कांनो में आज तक जूं तक नहीं रेंगी। जिसके कारण आज भी गाँव के लोग इस मुख्य आरसीसी रोड पर से गंदे पानी से होकर गुजर रहे हैं।
ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से अधूरे पड़े हैं रामदासपुर गांव में विकास कार्य
नाली ना होने से सालो से आरसीसी रोड पर बह रहा है गंदा पानी
राहुल तिवारी
लखनऊ। विकास खंड सरोजनीनगर जहाँ आज भी तमाम गांवो में ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत के कारण तमाम विकास कार्य अधूरे पड़े हुए हैं और जिम्मेदार आँखे मूंदे हुए हैं।विकास कार्य सिर्फ पेशबंदी के तहत यूँ ही पड़े हुए हैं चाहे वह नाली हो या खड़ज्जा ऐसा ही एक मामला विकास खंड सरोजनीनगर के ग्रामसभा रामदासपुर का है जहाँ आरसीसी रोड पर लगातार पांच वर्षों से घरों का गंदा पानी बह रहा है और इस गंदे पानी से होकर गाँव के ग्रामीण निकलने को मजबूर है। रामदासपुर गाँव निवासी अंकित तिवारी के घर से लगाकर अनिल तिवारी के मकान तक बने इस आरसीसी रोड पर लगातार पांच वर्षों से जल भराव की स्थिति बनी हुई है जिसका सबसे बड़ा कारण है यहां पर नाली न होना। तमाम बार इसकी जानकारी खंड विकास अधिकारी सरोजनीनगर जिला पंचायत राज अधिकारी से लेकर गाँव के सचिव व ग्राम प्रधान तक से दी गई लेकिन किसी के कांनो में आज तक जूं तक नहीं रेंगी। जिसके कारण आज भी गाँव के लोग इस मुख्य आरसीसी रोड पर से गंदे पानी से होकर गुजर रहे हैं।




