उत्तर प्रदेशलखनऊ

ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में लगा भ्रष्टाचार का घुन,आखिर किस मद में खर्च किए गए पंचायतों के लाखों रुपये

ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में लगा भ्रष्टाचार का घुन
प्रधान व सचिव के लिए बरदान साबित हुई सरकारी धनराशि
मिश्रित/सीतापुर। जीरो टारलेंस पर काम करने वाली भाजपा सरकार की सख्ती का रुख आखिर विकासखंड मिश्रित में क्यों नहीं दिखाई दे रहा है। विकासखंड मिश्रित की ग्राम पंचायत बिनौरा में ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव व्दारा इंटर लाकिंग सड़कें व नाली निर्माण कार्यों को सरकारी अभिलेखों में दर्शाकर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है।

ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत बिनौरा में ग्राम प्रधान सत्यम वैश्य और पंचायत सचिव अमित चतुर्वेदी की मिली भगत से मनरेगा योजना के अंतर्गत पप्पू के मकान से स्कूल तक इंटर लाकिंग सड़क व नाली निर्माण कार्य एवं नहर पुलिया से तालाब तक इंटर लाकिंग सड़क व नाली निर्माण कार्य 14 लाख 56 हजार रुपये की सरकारी धनराशि से कराया जाना था। इस कार्य की शुरुआत 1 अप्रैल 22 से होकर 4 मार्च 23 को पूर्ण कराना था।

परन्तु पंचायत सचिव अमित चतुर्वेदी और ग्राम प्रधान एवं रोजगार सेवक ने सभी कार्यों को सरकारी कागजों पर पूर्ण दिखाकर फर्जी मास्टररोल जारी करके कई किस्तों में यूपी पंचायत कांट्रेक्सन एण्ड सप्लायर फर्म को एक ही दिन में कई किस्ते जारी कर धनराशि का भुगतान कराकर आपस बंदरबांट कर लिया है। जबकि मौके पर अभी तक किसी भी इंटरलाकिंग सड़क और नाली का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है।

इतना ही नहीं इसी ग्राम पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में गांव में इंटर लाकिंग सड़कें और नालियों के निर्माण कार्य को कागजों पर दिखाकर 21 लाख रुपये की सरकारी धनराशि निकाल कर बंदरबांट की जा चुकी है। मौके पर आज तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। जिसे जिलाधिकारी अनुज सिंह द्वारा मौके पर स्थलीय निरीक्षण करके देखा जा सकता है। इसलिए यहां के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व प्रदेश शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए ग्राम पंचायत का स्थलीय निरीक्षण कराकर दोषी प्रधान, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक के बिरुध्द कार्यवाही करने की मांग की है।

आखिर किस मद में खर्च किए गए पंचायतों के लाखों रुपये
सिर्फ कंस्ट्रक्शन फर्म के नाम को बिल में शामिल करके मनमानी तरीके से निकाल लिया पैसा
सीतापुर। जहां पर प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों के चहंुमुखी विकास के लिए पंचायतों को नई नई योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपए पंचायतों के खाते में भेज रही है। वहीं पर पंचायतों के अधिकारी इस सरकारी धन को मनमानी तरीके से निकाल कर खर्च किए जा रहे। विकासखंड कसमंडा के विभिन्न ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिव ने सरकारी धन को किस मद में निकाल कर खर्च किया है।

इसका जिक्र अपने बिल में शामिल करना उचित नहीं समझते है और सिर्फ कंस्ट्रक्शन फर्म के नाम को बिल में शामिल करके मनमानी तरीके से पैसा निकाल कर खर्च किया गया है। ब्लॉक कसमंडा के ग्राम पंचायत गनेशपुर, बंभेरा, बसंतपुर सहित विभिन्न प्रभार वाली पंचायतों में तत्कालीन सचिव अभय प्रताप दीपक ने कुछ इसी तरह से खेल करते हुए सरकारी धन का आहरण कर सिर्फ कंस्ट्रक्शन फर्म के नाम को चिन्हित करते हुए मनमानी तरीके से धन को खर्च में दिखा दिया है।

इस धन को किस मद में कहा खर्च किया है यह लिखकर पारदर्शी करना उचित नहीं समझा। सूत्रों की माने तो सचिव अभय प्रताप दीपक इस तरह के घोल मोल करने में काफी अनुभवी है और उनको इस तरह के खेल करने में महारत हासिल है। बीते सत्र 2023 के सिर्फ जनवरी माह से लेकर मार्च माह तक यदि सचिव अभय दीपक के प्रभार वाली पंचायतों का डाटा निकाल कर देखा जाए तो उसमें सभी पंचायतों से लाखांे रुपये किस मद में निकाले गए यह जानना टेढ़ी खीर होगा।

हां किसके फर्म पर रुपए का भुगतान किए गए सिर्फ यही देखने को मिल सकेगा। ब्लॉक कसमंडा में सचिवों द्वारा पंचायतों में किए गए वित्तीय अनिमियता के मामले उच्चाधिकारियों से छिपे नहीं हैं। लगातार मनमानी और वित्तीय अनियमियता के मामले में कई सचिव निलंबित भी किए जा चुके हैं। जिससे विकासखंड कसमंडा जनपद स्तर में सुर्खियों में आए दिन बना रहता है।

यदि जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा तत्कालीन सचिव और पंचायतों के सरकारी धन का खर्च किस मद में हुआ है कि पारदर्शी जांच ससमय की जाए तो दूध का दूध पानी का पानी निकल कर सामने आ जाएगा। इस संबंध में जब सहायक विकास अधिकारी पंचायत दिनेश यादव से उनके मोबाइल नंबर से कॉल करके जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि यदि सचिव द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो यह नियम विरुद्ध है इसकी जांच नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। देखना है आखिर इस तरह से किए गए कार्यों पर लगाम लगा पाने में सक्षम हो पाते हैं। उच्चाधिकारी इसी तरह के खेल खेलते रहेंगे पंचायतों के सचिव।

 

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