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गौशाला बना यातनागृह अधिकारी मौन

रामनाथ रावत
सिधौली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों की फसलों को गाय नष्ट न कर सकें इसलिए गौशालाओं का निमार्ण कराया। गौशाला बनने के बाद भी न ही किसानों की फासले सुरक्षित है और न ही गाय सुरक्षित है मुख्यमंत्री के उच्च अधिकारी धृतराष्ट्र बने बैठे हैं उनके पास कोई संजय नही है जो उन्हें बता सके कि श्रीमान जी उत्तर प्रदेश की गौशालाएं यातनाग्रह में तब्दील हो गई हैं।

गौशाला में गौवंश तड़प तड़प कर अपनी जान गवा रही हैं ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव कागजी खानापूर्ति कर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं सिधौली ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुरहाडीह में बना गौशाला दुर्दशा का शिकार है गौशाला पर कोई उचित व्यवस्था न होने के कारण गौवंशो की मौत का शिलशिला जारी है।अधिकारी जान कर अंजान बने बैठे हैं।

इस संबंध में जब ग्राम प्रधान परशुराम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरिहाई तऊ है हय , अब का करे , मौत के लिए का किया जाए सकत हिया नीक नीक अदमी चला जात हय , डाक्टर आए कर इलाज तऊ करि जात है।

वही क्षेत्रीय जनता का कहना है कि समय से गौवंशो को चारा पानी नहीं मिलता है मिलता भी है तो सिर्फ आधा पेट सुखा भूसा और दूषित पानी। गौशाला के बाहर जो आवारा गौवंश घूम रहे हैं न तो वह बीमार मिलेंगे न ही शारीरिक रूप से कमजोर पूर्व में भी गौशाला पर कई गौवंश की मौत हो चुकी है परंतु ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव पर कभी कोई कठोर कार्यवाही उच्चाधिकारियों द्वारा नही की गई है सभी पर चोर चोर मौसेरे भाई वाली कहावत लागू होती है।

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