वह रे कमिश्नर साहब! 15 दिन में ही हटा दिया बंथरा कोतवाल को

वह रे कमिश्नर साहब 15 दिन में ही हटा दिया बंथरा कोतवाल को
ना कोई अपराधिक वारदात और ना ही कोई शिकायत फिर भी कर दिया गया तबादला
पुलिस कमिश्नर की इस कार्यवाही पर उठ रहे हैं सवाल
समग्र चेतना/ राहुल तिवारी
लखनऊ। महज 15 दिन के भीतर तबादला वह भी बिना किसी ठोस कारण के हा ऐसा कर दिखाया है लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ने।
थाना प्रभारी बन्थरा कुलदीप दुबे को अभी चार्ज सम्भाले 15 दिन ही हुए थे वे अभी अपने थाना क्षेत्र को पूरी तरह समझ भी नहीं पाए थे कि उन्हें अचानक हटा दिया गया। एस बी शिरोडकर के लखनऊ का पुलिस कमिश्नर बनने के बाद अपराध भले ही ना रुक पाया हो पर तबादले धुआंधार हुए हैं। घटना चाहे छोटी हो या बड़ी कमिश्नर साहब मौके पर जाना तक जरूरी नही समझते अब इसमें वर्दीधारी अगर मनमानी करते हैं तो किसी को आश्चर्य नही होना चाहिए।तबादलों के खेल में कमिश्नर साहब उन रसूखदारों को छू भी नही पाए जिन पर शासन में बैठे आला अधिकारियों का हाथ है। ऐसे में बंथरा थाना प्रभारी कुलदीप दुबे का अकारण स्थानांतरण पुलिस कमिश्नर पर ही प्रश्न चिन्ह लगता है।
बंथरा क्षेत्र की जनता में भी असमंजस की स्थिति में है लोगों में यह चर्चा है कि आखिर कुलदीप दुबे को बन्थरा थाने का चार्ज सम्भाले 15 दिन ही हुए और न कोई शिकायत और न कोई बड़ा अपराध उसके बावजूद लखनऊ पुलिस कमिश्नर द्वारा बन्थरा थाना प्रभारी का स्थानांतरण कर दिया गया है। जबकि हकीकत यह है कि स्वयं लखनऊ पुलिस कमिश्नर राजधानी की कमान सम्भालने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
आईपीएस एबी शिरोडकर को लखनऊ में पुलिस कमिश्नर चार्ज संभाले कई महीने हो चुके हैं जिसके बाद से राजधानी में ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं की बाढ़ सी आ गई। इसमें हत्या लूट की घटनाओं का ग्राफ काफी तेजी से बड़ा है। लेकिन यह सब ना तो सरकार को ही दिखाई पड़ रहा है और ना सरकार के नुमाइंदों को। राजधानी के थानों में आज भी ऐसे कोतवाल, दरोगा, सिपाही तैनात हैं जिनका स्थानांतरण एक नहीं दो दो बार हो चुका है लेकिन उनकी रवानगी आज भी नहीं की गई क्योंकि उनका रसूख पंचम तल में बैठे आला अधिकारियों से जुड़ा हुआ है।




