उत्तर प्रदेशलखनऊ

मेरा सौभाग्य है कि मै मिश्रिख संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं- अशोक रावत

मेरा सौभाग्य है कि मै मिश्रिख संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं- अशोक रावत
संासद विधायक डीएम एसपी ने किया चौरासी कोषीय परिक्रमा मेला का शुभारम्भ

सीतापुर। विश्व प्रसिद्ध धार्मिक एवं पौराणिक चौरासी कोसीय होली परिक्रमा मेला महोत्सव का भव्य उद्घाटन सांसद अशोक रावत, विधायक रामकृष्ण भार्गव, जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा, डीएम अनुज सिंह, एसपी घुले सुशील चन्द्रभान एडीएम राम भरत तिवारी, एसडीएम मिश्रिख अनिल कुमार सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में फीता काटकर एवं विधि विधान से कन्या पूजन व भण्डारे के साथ किया गया।

इस दौरान सांसद अशोक रावत ने कहा कि आज से 84 कोसीय मेला नैमिष की धरती के मिश्रिख में प्रवेश कर चुका है। यह परिक्रमा मिश्रिख से शुरू होते हुए हरदोई क्षेत्र तक जाती है जिस कारण से हम सभी का लगाव इस मेले से लगा हुआ है। मेरा सौभाग्य है कि मेरा संसदीय क्षेत्र से होकर यह परिक्रमा गुजरती है।

इसके विकास के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है, यह बातें मिश्रिख सांसद अशोक रावत ने कही। चक्रतीर्थ पर जनप्रतिनिधियों और संतों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। प्रधानपुजारी राज नारायण पाण्डेय के सानिध्य में मुख्य अतिथि सांसद अशोक रावत, विधायक राम किशन भार्गव, एडिशनल एसपी एनपी सिंह, एसडीएम अनिल रस्तोगी, सीओ सुशील यादव, गोदलामऊ ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मुनीन्द्र अवस्थी, ब्लाक प्रमुख राम किंकर पाण्डेय, तहसीलदार मनीष कुमार समेत कई गणमान्य अतिथियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य प्रभु श्री नैमिषनाथ व श्रीदेवी सहित भूदेवी की विशिष्ट आरती एवं पूजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन पुरुषोत्तम शास्त्री ने किया वही समारोह के अंत में सनातन सत्संग सेवा समिति के संस्थापक राज नारायण पांडेय ने सभी संत जनों, तीर्थ पुरोहितों, परिक्रमार्थियों और अधिकारियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

विधायक मिश्रिख रामकृष्ण भार्गव ने अपने सम्बोधन में कहा कि योगी जी ने नैमिषारण्य तीर्थ स्थान के लिये कई महत्वपूर्ण कार्य कराये हैं और कराये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने कई बार विधान सभा सत्र में भी नैमिष का नाम लिया है। डबल इंजन की सरकार ने नैमिष के बारे में सोचा और उसके विकास के लिए बहुत योजनाए भी बनायी। डबल इंजन की सरकार ने विकास परिषद बनाकर नैमिष को पूरा कर दिया है जो पहले कहीं न कहीं अधूरा था, सरकार के इस काम से सभी सीतापुर वासियों को सम्मान मिला है।

नैमिष के विकास से होली परिक्रमा में आने वाली परेशानियों से सभी श्रद्वालुओं को राहत मिलेगी। जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में आज नैमिष की पावन धरती को विश्व स्तर के पटल पर आधुनिक दर्जा प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी अनुज सिंह ने अपने सम्बोधन में बताया कि विश्व प्रसिद्ध धार्मिक एवं पौराणिक 84 कोसीय होली परिक्रमा मेला मिश्रित 21 फरवरी से आरम्भ हुई। यह परिक्रमा जनपद सीतापुर एवं हरदोई के निर्धारित परिक्रमा मार्ग से होते हुए विभिन्न 11 पड़ाओं पर अवस्थान करते हुए दिनॉक तीन मार्च को मिश्रित पहुँच रही है। इस परिक्रमा में लाखों की संख्या में श्रद्वालुओं एवं परिक्रमार्थियों ने प्रतिभाग किया जा रहा है।

इस धार्मिक परिक्रमा में श्रद्वालुओं को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करने की दृष्टि से माह जनवरी 2023 में परिक्रमा मार्ग व प्रत्येक पड़ाव के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को लगाकर जाँच करायी गई।

सुरक्षा के घेरे में रहेगा मिश्रिख क्षेत्र
शांति व्यवस्था हेतु जनपद सीतापुर क्षेत्रान्तर्गत आने वाले प्रत्येक पड़ाव के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए गये जिनके द्वारा सतर्क दृष्टि बनाये रखी गयी। साथ ही सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था हेतु 76 उप निरीक्षक, 83 हेड कॉस्टेबल, 217 कॉस्टेबल, 58 महिला आरक्षी, 109 पी०आर०डी० एवं 80 होमगार्ड भी तैनात किए तथा उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी मिश्रित द्वारा स्वयं भी भ्रमणशील रहकर उक्त स्टाफ का मार्गदर्शन करते हुए शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए अग्निशमन वाहन मय स्टाफ प्रत्येक पड़ाव पर तैनात रखा गया।

परिक्रमार्थीं पहुंचे कोल्हुआ बरेठी
धर्म नगरी नैमिषारण्य में ठहरा रामादल बृहस्पति की भोर अपने दसवें पड़ाव कोल्हुआ बरेठी के लिए कूच कर गया। 84 कोसी परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बन रहा था। डमरू, शंख, घंटा व घड़ियाल की ध्वनि पर संत, महंत व श्रद्धालु नृत्य करते हुए आगे बढ़ रहे थे। श्रद्धालु इस बात को लेकर प्रसन्न थे कि अब मंजिल उनसे महज दो पड़ाव ही दूर बची है। हालांकि कुछ श्रद्धालुओं ने कोल्हुआ बरेठी पड़ाव पर डेरा डाले रखा। रामादल मंगलवार को जरत्कारु ऋषि की तपस्थली से कूच करके धर्म नगरी नैमिषारण्य पहुंचा था। यहां पर रात्रि विश्राम करने के बाद भोर होते ही श्रद्धालुओं ने आदि गंगा गोमती, चक्रतीर्थ आदि तीर्थों में स्नान किया और मां ललिता देवी, हनुमानगढ़ी आदि मठ, मंदिरों में पूजा-अर्चना कर दसवें पड़ाव कोल्हुआ बरेठी के लिए कूच कियज्ञं

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