अधिवक्ता पुत्र, दिवंगत सैनिक के परिजनों को न्याय दिलाने हेतु साथ आया ऐप्जा संगठन

अधिवक्ता पुत्र, दिवंगत सैनिक के परिजनों को न्याय दिलाने हेतु साथ आया ऐप्जा संगठन
लखीमपुर-खीरी। ऐप्जा (ऑल इंडिया प्रेस जर्नलिस्ट एसोसिएशन) चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा के निर्देश पर ऐप्जा के चीफ कोआर्डिनेटर अनुराग एम. सारथी के नेतृत्व में अधिवक्ता सभागार सिविल कोर्ट लखीमपुर में पत्रकार वार्ता का आयोजन हुआ।
ज्ञात हो कि विगत करीब तीन वर्ष पूर्व एसएसबी सैनिक दीपेंद्र अवस्थी की दौरान सेवा संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
परिजनों के अनुसार एसएसबी डॉक्टरों ने रंजिशन बिना बीमारी के गलत इलाज कर, जबरन ड्रग्स के नशीले इंजेक्शन व दवाइयां खिलाकर सीजर डिसऑर्डर की गलत रिपोर्ट बनाकर शारीरिक यातना, मानसिक प्रताड़ना देकर जीवन बर्बाद किए जाने व बटालियन बदल कर जीवन रक्षा किये जाने की जून 2019 से बराबर आईजी, डीआईजी एवं डीजी, आई जी, मेडिकल दिल्ली गृहमंत्री व रक्षा मंत्री से शिकायत की।
बटालियन से लेकर एसएसबी मुख्यालय दिल्ली तक संवेदनहीन प्रशासनिक अधिकारी एक दूसरे को बचाने मे लगे रहे, जिसके कारण सैनिक बेटे को न्याय नहीं मिल पाया। शिकायत से और रंजिश मान गए। कोविड-19 महामारी के चलते नियम विरुद्ध गलत ढंग से 18 मार्च 2020 रात करीब 8 बजे सर्विस से डिस्चार्ज कर, डाक्टरों के गलत इलाज शारीरिक यातना आर्थिक क्षति मानसिक प्रताड़ना के आघात से आहतकर पद का दुरुपयोग कर आपस में घोर अपराधिक षड्यंत्र रच कर कागजों मे सैनिक को सेवा के अयोग्य बनाकर साजिशन सैनिक बेटे की हत्या कर दी।
इस मामले में न्यायालय के आदेश पर अ0सं01298 /020 धार306, 120बी,110, 504, 506 आईपीसी मे कोतवाली लखीमपुर खीरी में लिखी FIR के आरोपीगण गैर प्रान्त से सम्वंधित केन्द्र सरकार मे एसएसबी के अधिकारी थे। जिसमे नामजद अभियुक्तगण (1) डॉ0 अनूप कुमार मेडिकल कमांडेंट प्रशिक्षण केंद्र चंदू खेड़ी भोपाल, डॉ0 आर एन साहू गांधी हमीदिया मेडिकल कॉलेज भोपाल, डॉ0 रिंकू डे मेडिकल कमांडेंट 41, बटालियन रानी डगा, डॉ0 जसजीत सिंह मेडिकल कमांडेंट बीएसएफ कदमतला सिलीगुड़ी, अरुन कुमार सिंह कमांडेंट 8 बीएन बटालियन खपरैल सिलीगुड़ी, 161के बयान में, डॉ0 सुभाष घोष डिशुन हॉस्पिटल सिली गुड़ी, डॉ0 न्यूरो फिजीशियन (नाम अज्ञात) नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज सिलीगुड़ी आदि दस लोगों को आरोपी बनाया गया जो केंद्र सरकार में उच्चाधिकारी पदों पर तैनात थे। उक्त मामले में मृतक के परिजनों ने मुख्यमंत्री, गृहसचिव, राज्यपाल, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति, गृहसचिव, गृहमंत्री, रक्षामंत्री भारत सरकार क़ो जनपद के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के द्वारा सीबीआई जांच की संस्तुति सहित लिखे गए पत्रों को संलग्न कर सीबीआई जांच की मांग की थी, परंतु आज तक सीबीआई जॉच नहीं हो सकी।
उपरोक्त गंभीर प्रकरण का संज्ञान लेते हुए ऐप्जा चेयरमैन रवींद्र मिश्रा के निर्देशन पर जिला अधिवक्ता सभागार में ऐप्जा चीफ कोआर्डिनेटर अनुराग सारथी के नेतृत्व में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।
चूंकि मृतक के पिता राजकिशोर अवस्थी स्वयं एक अधिवक्ता हैं। इसलिए यह आयोजन जिले के वरिष्ठ आधिवक्ताओं के संरक्षण में अधिवक्ता सभागार में संपन्न हुआ।
ऐप्जा चीफ कोआर्डिनेटर अनुराग सारथी ने अपने संबोधन में कहा कि अधिवक्ता व पत्रकार एक दूसरे के पूरक हैं। दोनो समाज के वंचितों शोषितों के लिए काम करते हैं। जहां एक ओर अधिवक्तागण न्यायालय में मजलूमों के हित लड़ाई लड़कर उन्हें न्याय दिलाने का काम करते हैं तो वहीं पत्रकार निःस्वार्थ भाव से शोषितों-वंचितों की आवाज को अपने समाचार पत्रों व चैनलों के माध्यम से शासन तक पहुंचाने का काम करते हैं। श्री सारथी ने पत्रकारों के माध्यम से उपरोक्त मामले में शासन से संज्ञान लेने की अपील की। इस अवसर पर लखीमपुर ऐप्जा के तमाम पदाधिकारी व अधिवक्तागण मौजूद रहे।




