श्रेय की लड़ाई पर विराम नहीं, मेमो तो चली लेकिन प्रयास किसका?
मेमो तो चली लेकिन प्रयास किसका?

- फिर दौड़ी लखनऊ से कानपुर तक मेमो ट्रेन
- पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने सैकड़ों समर्थकों के साथ दिया था धरना

लखनऊ। सरोजनीनगर और बंथरा क्षेत्र में श्रेय लेने की परंपरा बहुत पुरानी रही है। काम किसका, मेहनत किसकी और श्रेय किसका? यह सवाल विकास कार्यों के बाद स्वत: उठने लगता है। दरअसल जमीन पर उतरकर आम आदमी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले नेताओं को यहां तवज्जो ही नहीं मिलती। यहां तो इवेंट मैनेजमेंट वाले नेता ज्यादा पॉपुलर हो जाते हैं। चूंकि सोशल मीडिया पर भी इनकी सक्रियता ट्वंटी फोर इन टू सेवेन रहती है। यही कारण है कि ये हर जगह हिट हो जाते हैं।
ताजा मामला हरौनी क्षेत्र का है। दरअसल लखनऊ से कानपुर के बीच चल रही मेमो ट्रेन पिछले 2 साल से बंद थी। ये ट्रेन आस पास के लोगों के लिए किसी राहत से कम नहीं थी। कोरोना संक्रमण के प्रभाव के चलते पिछले करीब 2 वर्षों से ये ट्रेन बंद कर दी गई थी। इस इलाके की जीवनदायिनी कही जाने वाली मेमो पैसेंजर ट्रेनों का पुन: संचालन शुरू हो गया है। वैसे तो इसको चलवाने में कई क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा, लेकिन इनमें से सबसे अहम भूमिका रही भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश सिंह चौहान की।

इसको लेकर पिछले 1 नवंबर को उन्होंने सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हरौनी रेलवे स्टेशन पर धरना प्रदर्शन भी किया था। वह लगातार इसको लेकर मांग उठाते रहे ताकि जिम्मेदारों की नजर इस तरफ पड़े। उनके तमाम प्रयासों के बाद विभाग को भी पैसेंजर ट्रेनों के संचालन के लिए सोचना पड़ा। वह अलग बात है कि बिना किसी बड़े पद पर रहकर, बिना किसी लाभ के बैकफुट पर काम करने वाले राजेश सिंह की मेहनत को पार्टी के ही लोग नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता इस बात को भली भाति समझती है।
इन ट्रेनों के संचालन से हरौनी, जैतिपुर, पेपर सेंड समेत आस पास के लोग उनके इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं। आपको बता दें कि मोहनलालगंज से सांसद और हालही में केंद्रीय मंत्री बने कौशल किशोर ने भी इस मामले को लेकर पिछले दिनों मंत्रालय को पत्र देकर ट्रेन शुरू कराने का प्रयास किया था, उन्होंने रेलवे के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी। आपको बता दें कि मेमो चलने से नौकरी पेशा यात्रियों को सिर्फ सुविधा नहीं हुई बल्कि लखनऊ—कानपुर जाने वाले दैनिक मजदूरों, कर्मचारियों समेत छात्र छात्राओं को भी आने-जाने में आसानी हो गई है। कम समय और कम पैसों में वह लखनऊ से कानपुर की दूरी तय कर पाएंगे।

रक्षा मंत्री ने भी माना
पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश सिंह चौहान की कर्मठता को पिछले दिनों लखनऊ आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भरे मंच से स्वीकार किया था। उन्होंने हजारों लोगों की भीड़ में कहा था कि राजेश सिंह बिना किसी पद पर रहते हुए भी क्षेत्र के विकास, क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा जुटे रहते हैं। इनके माध्यम से हमें पूरे क्षेत्र की सूचनाएं मिलती रहती हैं। यह इनकी कर्मठता ही है जो पद के बिना ही पार्टी के कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे लोग बहुत कम ही होते हैं। आपको बता दें कि राजेश सिंह चौहान पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं।




