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बंथरा पुलिस का कारनामा: किसान को इनकम टैक्स का भय दिखाकर बदलवा दी तहरीर

नरेरा गांव के किसान के घर से नगदी और जेवरात हुए थे चोरी, थम नहीं रहा बंथरा पुलिस का जंगलराज

समग्र चेतना/ राहुल तिवारी

लखनऊ। थाना बन्थरा जो इन दिनों काफी सुर्खियों में चल रहा है कहीं मरे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना कहीं गलत एफआईआर दर्ज करना और कहीं पीड़ित के घर घटना हो जाने पर एफआईआर ही दर्ज न करना।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं ताकि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जा सके पीड़ित वंचितों को न्याय मिल सके। लेकिन मीटिंग से निकलने के बाद मानों ऐसा जैसे बैगन पर पानी डालने के सामान ही हालत दिख रहे हैं।

राजधानी में एक से बढ़कर एक पुलिस के स्वयंभू विराजमान है चाहे एसीपी हो या डीसीपी थानों में वर्षों से जमें पुलिस कर्मी जो क्षेत्र के अवैध कारोबारियों से बेहतर सम्बन्ध बनाकर उन्ही के इशारे पर काम कर रहे हैं और लगातार मोटा पैसा कमा कर अपने आकाओं तक सिर्फ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दलाली अवैध धन उगाही इनकी दिनचर्या बन चुका है जनता का शोषण करना इनका जन्मसिद्ध अधिकार बन चुका है।

चाहे हरौनी चौकी का मामला हो चाहे बन्थरा थाने का वहीं पुलिस कमिश्नर व डीसीपी जैसे अधिकारी भी आंख पर पट्टी बांधे बैठे है। हाल ही में बीती 29 जुलाई 2025 को बेंती के मजरा नरेरा में किसान संतोष कुमार पुत्र स्व राम लाल के घर चोरी हुई जिसमें उसने बन्थरा पुलिस को तहरीर दी जिसमें संतोष कुमार ने दो जोड़ी झुमके एक सोने का हार, एक सोने की माला, एक मांग टीका, दो जोड़ी नथ, एक हाफ पेटी चांदी की तीन जोड़ी, चांदी की पायल एक जोड़ी, कान के झाले, एक सोने की चैन व 90 हजार नगद रूपये गायब होने का आरोप लगाया। लेकिन बन्थरा पुलिस का खेल देखिए मुकदमा दर्ज करने के वजाय उल्टा पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर को फड़वा कर अपनी तरफ से दूसरी तहरीर लिखवा दी और किसान से यह डरवा कहलवा दिया कि ज्यादा लिखोगे तो तो इनकम टैक्स से नहीं बचोगे मानों मुकदमा दर्ज करने के वजाय पुलिस खुद जानती है कि चोरी करने वाले आखिर कौन है? और बाद में बटवारा भी हो जायेगा। किसान न्याय की आस में आज भी भटक रहा है और मुकदमा दर्ज आज भी नहीं हो सका। ये है बन्थरा पुलिस मानों जंगल राज जैसी स्थिति चल रही है।

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