उत्तर प्रदेशलखनऊ

लेखपाल रिपोर्ट में भी बी0पी0एल0 कार्डधारक पाया गया करोड़पति

लेखपाल रिपोर्ट में भी बी0पी0एल0 कार्डधारक पाया गया करोड़पति
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रामनाथ रावत
सिधौली/सीतापुर। तहसील सिधौली क्षेत्र के एक दलित द्वारा लाखों रूपये के भूमि सौदे किए जाने के बावजूद अपने आप को गरीबी की रेखा से नीचे दिखाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की शिकायत के मामले में राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी जांच में शिकायतकर्ता द्वारा लगाये गये सभी आरोप सही पाते हुए आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है।

गौरतलब है कि ग्राम बाड़ी निवासी कल्लू, जो कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने के कारण कई सरकारी योजनाओं का लाभ ले चुका है। उसे कालोनी का लाभ मिल चुका है। इसे अतिरिक्त उसके पास बी0पी0एल0 कार्ड है और वह श्रमिक के रूप में जॉबकार्ड धारक भी है। कृषि भूमि के पट्टे का लाभ भी वह ले चुका है। उसी कल्लू द्वारा सिधौली उपनिबंधक कार्यालय में उसने कई भूमि सौदों का बैनामा कराया गया है, जिसमें लाखों रूपये का लेन-देन हुआ है।

कल्लू के विरूद्ध बाड़ी गांव के ही एक दलित भग्गू ने आई.जी.आर.एस. के जरिए शिकायत की थी और गलत सूचना देकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की थी। उक्त शिकायत की जांच क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा की गई तथा कल्लू द्वारा बी0पी0एल0 परिवारों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने की बात सही पाई गई। इसके अतिरिक्त लेखपाल ने कल्लू के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूखण्डों का विवरण भी दिया है तथा शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए बैनामें भी सही पाए हैं। लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में यही भी पाया कि कल्लू द्वारा एक कृषियोग्य भूखण्ड को बिना आवासीय भूमि में बदले, उसमें आवासीय भूखण्ड भी बेचे गये हैं। लेखपाल द्वारा दी गई रिपोर्ट को कानूनगो और तहसीलदार द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को भेज दिया गया है।

कल्लू मात्र मोहरा है
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उक्त चर्चित प्रकरण में बाड़ी गाँव के कई लोगों का मानना है कि कल्लू असल दोषी नहीं है बल्कि वह तो गाँव के ही एक भूमाफिया का मोहरा मात्र है। असल कमाई तो उसी भूमाफिया द्वारा की जाती है और कल्लू द्वारा किए गए भूमि सौदों में उसी की काली कमाई लगी है। इसके अतिरिक्त कल्लू के दलित होने का लाभ उठाकर क्षेत्र के गरीब दलितों की भूमियाँ भी धड़ल्ले से उक्त भूमाफिया द्वारा खरीदी जा रही हैं और उन्हें आवासीय भूखण्डों में बदलकर मोटी रकम कमाई जा रही है। उक्त भूमाफिया पर लोगों को धमकी देकर और जबरदस्ती ज़मीनें खरीदने के आरोप भी लगते रहे हैं।

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