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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को लग रहा पलीता उद्यमियों का विकास हो रहा प्रभावित

 

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PMFME) योजना के संबंध मे लाभार्थी उद्यमियों ने नाम न बताने की शर्त पर विभागीय   जानकारी दी व समग्र चेतना के विशेष सूत्र बताते है कि  उत्तर प्रदेश में PMFME योजना के क्रियान्वयन में धीमी गति, डीआरपी का भुगतान और उद्यमियों को सब्सिडी न मिलने से ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रभावित

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PMFME) योजना के क्रियान्वयन में गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। अप्रैल 2024 से जिला संसाधन व्यक्तियों (डीआरपी) का भुगतान लंबित है, जिससे योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। डीआरपी, जो योजना के संचालन और उद्यमियों को मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे अपने बकाया भुगतान के कारण योजना में सक्रिय भागीदारी नहीं कर पा रहे हैं।

इसके साथ ही, फ़रवरी 2024 से उद्यमियों को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी भी लंबित है। सब्सिडी न मिलने के कारण कई उद्यमियों के लिए बैंकों से लोन प्राप्त करना कठिन हो गया है। बैंकिंग संस्थान सब्सिडी के बिना लोन देने से हिचक रहे हैं, जिससे उद्यमिता विकास की गति रुक गई है।

ग्रामीण इलाकों में उद्यमिता विकास की गति घटी हुई है और PMFME योजना के तहत नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना एक चुनौती बन गया है। ऐसे में सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह लंबित भुगतान और सब्सिडी के मुद्दों का शीघ्र समाधान करेगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को पुनः गति मिल सके।

कुछ उद्यमियों की सब्सिडी 30/31 जुलाई तक आ गई है , कुछ उद्यमियों  की नहीं आई है जल्द ही भारत सरकार से नियमानुसार दिला दी जायगी – मृत्युंजय सिंह जिला उद्यान अधिकारी लखीमपुर खीरी 

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