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रूरल हब के जैविक उर्वरक निर्माण केंद्र का प्रधानमंत्री मोदी ने किया शिलान्यास

किसानों की लागत मूल्य कटौती कर उनकी आय बढ़ाने के लिए जैविक उर्वरकों की निर्माणशाला से किसान के सपने होंगे पूरे

लखनऊ: यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (यूपीजीआईएस 2023) के दौरान प्राप्त निवेश प्रस्तावों के चौथे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में पूरे उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की 14000 परियोजनाओं का शुभारंभ किया। ये परियोजनाएं विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी एवं आईटीईएस, खाद्य प्रसंस्करण, आवास एवं रियल एस्टेट, आतिथ्य एवं मनोरंजन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।

रूरल हब ने ५ ज़िलों में ७५ गौशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए वर्ष २०२३ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रूरल हब ने १५.७५ करोड़ के निवेश के का करार किया था। इस करार के अनुसार प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों को जीवामृत, घन जीवामृत और जैविक कीटनाशकों को उपलब्ध कराना हैं।

२१ लाख रुपये के निवेश से बनने वाली आधुनिक गौशाला में २० गौवंश के लिए आधुनिक टीनशेड, एनारोविक बैक्टिरिया बायोगैस प्लांट, जैविक उत्पादों को सीधे खेत में ले जाने हेतु आधुनिक टैंक, छिड़काव मशीन, पशुओं के लिए फीड मिक्सर जैसी अत्याधुनिक मशीनें शामिल है। एक गौशाला से सीधे सीधे ७-१० लोगों को रोज़गार के अवसर के साथ ५०० – ७५० लोगों को रोज़गार देने का लक्ष्य हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रूरल हब के संस्थापक गौरव कुमार पिछले ३ वर्षों से गौमंगल ग्रामोदय मिशन संचालित कर रहे हैं, इस मिशन के निमित्त उन्होंने १३ राज्यों की १५० से अधिक गौशालाओं का सर्वेक्षण और अध्ययन किया है। इस अध्ययन के आधार पर  हरदोई, शाहजहांपुर, खीरी, पीलीभीत और सीतापुर के ७५ विकास खण्ड स्तर पर गौशाला स्थापित कर जैविक कृषि करने को इच्छुक किसानों को आवश्यक उर्वरक और कीटरोधी तरल को उपलब्ध कराने का लक्ष्य हैं।

वर्तमान में आधुनिक किसान खेती किसानी के साथ साथ अपने उद्यम या स्वरोज़गार का संचालन करता हैं, प्राकृतिक कृषि हेतु आवश्यक उर्वरकों की जटिल निर्माण प्रक्रियाओं के कारण वह चाहते हुये भी प्राकृतिक कृषि नहीं कर पाता हैं। ऐसे में किसानों की समस्याओं के समाधान के साथ साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत २०४८  और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन अभियान को साकार करने के लिए यह आधुनिक प्लांट मील के पत्थर साबित होंगे। 

इस कार्यक्रम में लगभग 5000 उद्यमियों ने प्रतिभाग किया, जिनमें प्रसिद्ध उद्योगपति, शीर्ष वैश्विक व भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधि, राजदूत व उच्चायुक्त तथा अन्य गणमान्य अतिथि शामिल हुये।

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