बारिश ना होने से लखनऊ का किसान परेशान

बारिश ना होने से लखनऊ का किसान परेशान
अफसरों की लापरवाही के कारण सूखी पड़ी है रोजवहा नहर
किसानों को धान की फसल के लिए 150 रुपए प्रति घंटे की दर से निजी तौर पर सिंचाई के लिए खरीदना पड़ रहा है पानी
समग्र चेतना/ राहुल तिवारी
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में इस बार कम वर्षा होने के कारण किसान परेशान है उसे प्राइवेट तौर पर 150 डेढ़ सौ रूपये प्रति घंटे के हिसाब से अपने धान की फसलों में पानी लगाना पड़ रहा है लेकिन नहर विभाग खंड द्वितीय के अधिकारियों को ये भी नहीं पता कि नहरों में पानी आ रहा है कि नहीं।
यह हाल कहीं और कि नहीं बल्कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर विकास खंड का है जहाँ मोहान-लखनऊ रोजवाहा नहर में लगभग 6 माह से पानी नहीं आया है। यह नहर उन्नाव के धमरा मटरिया से होते हुए काजी खेड़ा कन्नी खेड़ा, ऐन, रामदासपुर, सहिजनपुर, भटगांव, हसन खेड़ा के आगे तक गयी है।
इस नहर की सफाई तो हर वर्ष होती है और इस बार भी हुई जिसमें सरकार का लाखों रुपए खर्च होता है लेकिन नहर में पानी आज भी नहीं छोड़ा गया है इस नहर से सटे माइनर भी सूखे पड़े हुए हैं और कोलाबो को प्रापर्टी डीलरों ने पाट रखा है जिसके चलते किसान परेशान है। किसानों का कहना है कि नहर में पानी छ माह से नहीं आया है हम लोगो को धान की फसल में पानी लगाने के लिए काफी दिक्कत हो रही प्राइवेट पानी डेढ़ सौ रूपये घंटा मिलता है।
*प्रापर्टी डीलरों ने पाट दिया नहर का कोलाबा*
मोहान लखनऊ रोजवाहा नहर रामदासपुर गाँव से चक गाँव तक बने इस पुराने कोलाबे को प्रापर्टी डीलर चीनू गुप्ता ने पाट दिया है जिससे चक गाँव के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिसकी सूचना जिलाधिकारी, एसडीएम सरोजनीनगर व नहर विभाग खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता व एसडीओ को भी है लेकिन शायद इसमें सभी की मिलीभगत है जिससे ये अधिकारी भी कोलाबे को प्रापर्टी डीलरों से कब्जा मुक्त नहीं करवा पा रहे हैं।




