161 पुलिस कर्मियों की तैनाती वाला बंथरा थाना महज 61 पुलिस कर्मियों के भरोसे

प्रभारी निरीक्षक की तानाशाही के अब तक आधे से अधिक दरोगा और सिपाहियों का हो चुका है तबादला, अधिकारी भी बने हैं अंजान
राहुल तिवारी
लखनऊ। 70 किमी क्षेत्रफल में फैला बन्थरा थाना क्षेत्र का एरिया महज 61 पुलिस कर्मियों के सहारे चल रहा है।अगर बात की जाए इस थाने की स्टाफ संख्या की तो यहां पर 20 दरोगा और 161 सिपाहियों की तैनाती होनी चहिये पर वर्तमान में यह थाना आधे से भी कम पुलिस कर्मियों के भरोसे चल रहा पर इस पर किसी अधिकारी का ध्यान नही है, हां प्रभारी निरीक्षक की सलाह पर तबादले जरूर ताबड़तोड़ किये जा रहे हैं।
अब ऐसे भला क्राइम कन्ट्रोल हो भी तो कैसे?यह सवाल लाख टके का है जब एक किलोमीटर की सुरक्षा की जिम्मेदारी महज एक सिपाही के जिम्मे है।
बन्थरा क्षेत्र की जनता की सुरक्षा फिलहाल राम भरोसे है। और अगर ऐसे में अपराध बढ़ रहा है तो कोई आश्चर्य की बात नही है। थाने में वर्तमान समय मे थाना प्रभारी को मिलाकर महज दस एसआई 51 सिपाही ही शेष बचे हैं बाकी के दरोगा व सिपाही थाना प्रभारी के तानाशाही रवैये के चलते स्थान्तरण पर चले गए। अगर बात बंथरा थाने से स्थानांतरित हुए पुलिस कर्मियों कि की जाए तो ये पुलिस कर्मी स्वयं ही स्थानांतरित नही किये गये नहीं बल्कि थाना प्रभारी की रिपोर्ट से प्रेषित होकर मजबूरी वश इनका तबादला किया गया।
- बंथरा थाने के प्रभारी की संस्तुति पर अपनी मुहर लगाने वाले अधिकारियों ने भी ये नही सोचा कि इतने पुलिस कर्मियों के हटने के बाद आखिर इतना बड़ा थाना चलेगा कैसे और जनता की सुरक्षा किसके भरोसे होगी? अब बंथरा थाने में सिर्फ वो सिपाही और दरोगा बचे हुए हैं जो सिर्फ और सिर्फ थाना प्रभारी की चाटूकारिता में मशगूल है और मिल बांटकर काम कर रहे हैं।यहाँ तक की वो सिपाही है जो लम्बे समय से इस थाने में जमे हुए हैं जिनका समय भी जनपद में पूरा हो चुका है लेकिन थाना प्रभारी के बेहद करीबियों में उन्हें माना जाता है कुछ दरोगा तो ऐसे है जो गैर जनपद स्थान्तरित हो चुके हैं लेकिन थाना प्रभारी और एसीपी कृष्णा नगर द्वारा उन्हें रिलीफ नहीं किया जा रहा है।



