कोतवाल की अधूरी रिपोर्ट पर जज साहब को आया गुस्सा, उच्च अधिकारियों को लगी फटकार

राहुल तिवारी
लखनऊ। बंथरा कोतवाल अपने दायित्वों को लेकर कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा पुलिस उपायुक्त मुख्यालय के पत्र से लगाया जा सकता है। जो 7 फरवरी 2023 को सहायक पुलिस आयुक्त गोसाईगंज लखनऊ को दिया गया है। हालांकि इस पत्र में अब तक क्या कार्यवाही हुई है इसकी जानकारी नहीं मिल पायी।
दरअसल सरोजनीनगर से बीजेपी नेता राजकुमार सिंह ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया। इसमें स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट भी लगती है। पुलिस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में आवेदक के ऊपर 5 मुकदमे लंबित होने की जानकारी दी गयी। जबकि आवेदक का कहना है कि उसके मुकदमों में एफआर लग चुकी है। इसके बाद नाराज बीजेपी नेता ने उक्त रिपोर्ट को हाइकोर्ट में चुनौती दी तो न्यायालय के सामने पूरी कमिश्नरेट की किरकिरी हो गयी। कोतवाल की लापरवाही पर फटकार बड़े अधिकारियों को झेलनी पड़ी। फिलहाल मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त गोसाईगंज को दी गयी है।
बनी निवासी व बीजेपी नेता राज कुमार सिंह ने बताया कि उनके द्वारा पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था और पासपोर्ट कार्यालय से पुलिस जांच हेतु फाइल स्थानीय बंथरा थाने भेजी गई तो वहां से बिना जांचे परखे लगाई गई रिपोर्ट में उन पर 5 मुकदमे लंबित होने की जानकारी पासपोर्ट ऑफिस को दी गयी जिससे उनके पासपोर्ट की प्रकिया रुक गयी। सिंह ने बताया कि जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने बंथरा पुलिस की इस रिपोर्ट को हाइकोर्ट में चुनौती दी।
सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने जिन मुकदमों को लंबित बताया है वह काफी समय पूर्व ही निस्तारित हो चुके हैं। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में नाराजगी व्यक्त करते हुए आख्या को अपूर्ण माना । जिसके फलस्वरुप प्रभारी निरीक्षक बन्थरा ने पुनः 16 अभियोगों का विवरण प्रेषित कर दिया। जिसमें अभियोगों के बारे में सम्पूर्ण विवरण न्यायालय में प्रस्तुत ना किये जाने पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करके, पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नेरेट मुख्यालय लखनऊ को कोर्ट में व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर वस्तुस्थित से अवगत कराने को कहा।
कोर्ट ने जहां प्रभारी निरीक्षक बन्थरा द्वारा उच्च न्यायालय को प्रेषित आख्या / सूचना अपूर्ण उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में अपने कर्तव्यों के प्रति बरती गयी घोर उदासीनता एवँ लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की वहीं उनके द्वारा बरती गयीं घोर लापरवाही की गहनता से प्रारम्भिक जाँच सहायक पुलिस आयुक्त, गोसाईगँज कमिश्नरेट लखनऊ से जाँचकर 7 दिन में आख्या प्रस्तुत करने के आदेश भी कोर्ट ने दिए हैं।




