गोमती नगर में दिन दहाड़े डकैती, ज्वैलरी शॉप को बनाया निशाना

लखनऊ को फिर आ रही अपने पहले पुलिस कमिश्नर की याद
राहुल तिवारी
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आये दिन लूट हत्या की घटनाएं बढ़ रही है लेकिन रसूखदार अफसरों और कोतवालों पर कोई कार्यवाही नही हो रही है। कमिश्नरेट बनाने के बाद लखनऊ पुलिस से जो उम्मीद लोगो को बंधी थीं वह भी अब दम तोड़ रही हैं।
लखनऊ में अपराधिक घटनाएं भले ही थमने का नाम नहीं ले रही है लेकिन अधिकारी व तमाम कोतवाल आज भी अपने अपने थानों में लम्बे समय से जमे हुए हैं। शनिवार को एक बार फिर राजधानी के गोमती नगर जैसे पाश इलाके में नकाब पोश बदमाशों ने असलहों के दम पर खरगपुर में गोल्ड हाउस ज्वैलरी शॉप को निशाना बनाया और दिन दहाड़े डकैती की वारदात को अंजाम दे डाला।
गोमती नगर जैसे पाश इलाके में यह कोई पहली घटना नही बल्कि दूसरी घटना है राजधानी की कानून व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से बेलगाम हैं पुलिस के अधिकारी व थानों में लम्बे समय से जमे रसूखदार कोतवाल जमीन पर काम न करके व जनता से मित्रवत व्यवहार न करके सिर्फ थाने के एसी आफिस में बैठकर मनमानी कर रहे हैं। अब लखनऊ वासियो को अपने पहले पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय की याद आ रही है जिनके कार्यकाल में न सिर्फ कमिश्नरेट का गठन हुआ बल्कि अपराध और अपराधियों पर भी प्रभावी लगाम लगी।
कोरोना की पहली लहर में पूर्व पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के शानदार मैनेजमेंट को शायद ही कोई भुला हो। इसके अलावा ट्रैफिक को सिग्नल पर संचालित कराके उन्होंने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। इससे पहले आईजी के रूप में भी उन्होंने शानदार कार्य कर पुलिस पर लोगो का भरोसा बढ़ाया। अब लखनऊ को एक बार फिर सुजीत कुमार पांडेय जैसे अफसर की जरूरत है जो लखनऊ को अपराध मुक्त बना सके।




