नही थमता नजर आ रहा अविवक्ता व राजस्व विवाभ का विावाद

अधिवक्ताओें ने धरना प्रदर्शन कर
महमूदाबाद/सीतापुर। अधिवक्ता की तहरीर पर कानूनगो व अन्य राजस्व कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज न किए जाने से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने बुधवार की सुबह से न्यायिक कार्य बहिष्कार करते हुए कोतवाली पहुंचकर अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया। अधिवक्ता प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कानूनगो की तहरीर पर सात नामजद व कई अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए जाने, नामजद अधिवक्ताओं के घरों पर पुलिस द्वारा दबिश दिए जाने व अधिवक्ता की तहरीर पर केस न दर्ज किए जाने से नाराज हैं। मालूम हो कि मंगलवार को तहसील परिसर स्थित कानूनगो कार्यालय में कानूनगो व अधिवक्ता से पैमाइश को लेकर विवाद हो गया था। कानूनगो ने सात अधिवक्ताओं को नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ कोतवाली में मारपीट किए जाने, सरकारी अभिलेख फाड़ने व जान से मारने की धमकी देते हुए पुलिस को तहरीर दी थी।
उधर अधिवक्ता कमलेश कुमार यादव ने पुलिस को तहरीर देकर कानूनगो राम मोहन दीक्षित व अन्य राजस्वकर्मियों पर मारपीट, 10 हजार रुपए व सोने की चौन छीनने व साथी अधिवक्ता को जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने मंगलवार को कानूनगो की तहरीर पर विनोद यादव, सफीक किदवई, प्रदीप कुमार, सुनील कुमार, शीलू मौर्य, संतोष यादव सहित कई अन्य अज्ञात अधिवक्ताओं पर मारपीट, सरकारी कार्य मे बाधा और बलवा करने की संगीन धाराओं में केस दर्जकर लिया था। किंतु अधिवक्ता द्वारा दी गई तहरीर पर केस दर्ज नहीं किया गया। अधिवक्ताओं ने रात में नामजद अधिवक्ताओं के घर पुलिस द्वारा दबिश दिए जाने का आरोप लगाया। मुकदमा दर्ज न होने बुधवार की सुबह अधिवक्ताओं ने तहसील सभागार स्थित लायर्स एसोसिएशन सभागार में बैठक की। बैठक में प्रशासन द्वारा एकतरफा की जा रही कार्यवाही व पक्षपातपूर्ण रवैए की निंदा की गई।
साथ ही एफआईआर न दर्ज किए जाने तक तहसील में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किए जाने व कोतवाली परिसर महमूदाबाद में प्रशासन की एक पक्षीय कार्यवाही के विरोध में धरना-प्रदर्शन किए जाने का निर्णय लिया। दोपहर करीब एक बजे लायर्स एसोशिएशन महमूदाबाद अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में महामंत्री वेद प्रकाश शर्मा, राजीव मौर्य, शिवेंद्र प्रताप सिंह, राकेश गुप्त, हरि प्रसाद वर्मा, मिश्री लाल वर्मा, मोहम्मद मुईद, गौरव श्रीवास्तव, सलीम, ओम प्रकाश बंशवार, सुशील तिवारी, श्रवण केवट, नईम, राजेन्द्र नाग, परशुराम, संजय गुप्त, जगदीश शुक्ल, नवनीत मिश्र, राकेश निरंकारी, अमरीश यादव, सुनील वर्मा, हरिकेश मौर्य सहित करीब एक सैकड़ा अधिवक्ता एसडीएम व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कोतवाली पहुंच गए। यहां अधिवक्ताओं ने परिसर के भीतर नारेबाजी करते हुए एफआईआर दर्ज न किए जाने तक अनिश्चतकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। सीओ ने मौके पर पहुंचकर अधिवक्ताओं से कोतवाली कार्यालय में पांच सदस्यीय अधिवक्ता दल से वार्ता करने का प्रस्ताव रखा जिसे अधिवक्ताओं ने नकार दिया। अधिवक्ता सभी के सामने वार्ता करने की बात एफआईआर दर्ज होने के बाद करने पर अड़े हैं।
सीओ द्वारा कोतवाली में अधिवक्ताओं से आफिस में पांच अधिवक्ताओं के दल से वार्ता करने की बात पर लायर्स एसोशिएशन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद वर्मा व शीवेंद्र प्रताप सिंह भड़क गए। उन्होंने सीओ रवि शंकर प्रसाद व कोतवाल विजयेंद्र सिंह से साफ शब्दों में कहा कि आप लोग लालीपाप मत दिखाइए। आप सबकी तानाशाही नहीं चलेगी। मंगलवार से हम लोगों से तहरीर लेकर केवल आवश्वासन के बल पर गुमराह किया जा रहा है। सीओ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि किसी भी सरकारी कर्मचारियों पर बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति के केस दर्ज नहीं किया जा सकता है। इसपर अधिवक्ताओं ने सीओ को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि यह रूलिंग अधिवक्ताओं पर भी लागू होती है, फिर अधिवक्ताओं पर आनन फानन पर केस कैसे दर्ज कर दिया गया।




