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बंथरा के रौतापुर गांव में हाइवोल्टेज करेंट आने की घटना के 24 घण्टे बाद भी नही पहुंची बिजली विभाग की टीम

बंथरा के रौतापुर गांव में हाइवोल्टेज करेंट आने की घटना के 24 घण्टे बीतने के बाद भी मौके पर नही पहुंची बिजली विभाग की टीम

हाइवोल्टेज करेंट से फूंक गए थे दर्जनों घरों के विधुत उपकरण

करेंट की चपेट में आकर चली गयी थी एक मवेशी की जान

राहुल तिवारी

लखनऊ। बंथरा में नरायनपुर के मजरे रौतापुर गांव में सोमवार को अचानक आये हाई वोल्टेज सप्लाई से ग्रामीणों के लाखों के नुकसान समेत एक मवेशी की जान जाने की घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी रौतापुर गांव नही पहुंचा जबकि अधिशासी अभियंता सेस द्वितीय का कहना है कि उन्होंने टीम भेजी थी। बिजली विभाग इस लापरवाही से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है।

गौरतलब हो कि नरायनपुर के मजरे रौतापुर गांव में सोमवार को अचानक हाइवोल्टेज करेंट सप्लाई होने हो जाने से पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। ग्रामीणों के घरों में लाखों विधुत उपकरण तो फूंके ही साथ ही एक मवेशी की भी करेंट की चपेट में आने से मौत हो गयी थी।जगह जगह खंभों व तारों से चिंगारी छूटने लगी थी जिससे समूचे गांव में दहशत का माहौल बन गया कुछ देर बाद जब बिजली के तार टूट कर गिर गए व चिंगारी निकलना बंद हो गई तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी। ग्रामीण किसान ठाकुर प्रसाद मौर्य ने बताया कि सोमवार की शाम करीब 5:30 बजे जब ग्रामीण अपने घरों और दरवाजे थे इसी बीच उनके गांव में अचानक हाई वोल्टेज करेंट आ गया। लोगों के घरों में लगे विद्युत उपकरण एक-एक कर फुंकने लगे। कई बिजली के खंभों से काफी तेज चिंगारियांकी भी निकलने लगीं थी। कई जगहों पर करंट भी उतर आया।

जिसकी चपेट में आकर घर के बाहर टीन सेड के नीचे बंधी ठाकुर प्रसाद की गाय की जान चली गई। कई मिनट तक लगातार यह सिलसिला चलता रहा। कुछ देर बाद जब खंभों के तार टूट कर जमीन पर गिरे और उपकरण आदि फुकने बंद हुए तब लोगों को अहसास हुआ कि अब गांव की आपूर्ति बंद हो चुकी है। इसके बाद सूचना संबंधित लाइनमैन और 112 नंबर पर पुलिस को दी गई थी। इस घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी बिजली विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी रौतापुर गांव की स्थिति जानने और दिक्कत का समाधान कराने नही पहुंचा। वहीं जब इस बारे में अधिशासी अभियंता सेस द्वितीय सुनील कुमार से बात की गई तो उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि टीम भेजी तो थी। अगर टीम भेजी गई थी तो फिर वह गांव क्यों नही पहुंची इस सवाल का जवाब किसी के पास नही है।

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