अपने भावी विधायक से सरोजनीनगर को बड़ी आस कि वे क्षेत्र से दूर करेंगे बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य की व्यवस्था

जनता का कहना साफ जीतकर गायब होने वाले को नही करेंगे माफ
राहुल तिवारी/समग्र चेतना
लखनऊ। सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता का अपने भावी विधायक से एक ही सवाल है कि क्या वे सरोजनीनगर खासकर ग्रामीण क्षेत्र से दशकों पुरानी शिक्षा और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की समस्या को दूर करेंगे या फिर जीतने के बाद खुद ही 5 साल लापता हो जाएंगे?
सरोजनीनगर विधानसभा में सपा, बसपा, कांग्रेस व भाजपा सभी के जनप्रतिनिधि रहे हैं इतना ही नहीं जिस भी पार्टी के जनप्रतिनिधि रहे उस पार्टी की सरकार भी उत्तर प्रदेश में रही लेकिन ग्रामीण क्षेत्र आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से काफी दूर है। यह एक ऐसी जमीनी समस्या है जिसका निराकरण हर एक शक्श चहता है। 2012 और फिर 2017 में यहां के विधायक मंत्री भी रहे लेकिन दुर्भाग्य कि क्षेत्र की समस्या जस की तस ही है।
अगर बात करें शिक्षा की तो इस ग्रामीण क्षेत्र में 8 वीं पास करने के बाद या तो प्राइवेट व महंगे स्कूल से 9 वीं से लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती है या फिर 30 किलोमीटर की दूरी तय करके प्राइवेट साधन से लखनऊ जाना पड़ता है। क्योंकि अन्य साधनों को छोड़कर लखनऊ से कानपुर व कानपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन लगभग 5 वर्षों से बंद हैं जो दिन भर लखनऊ से कानपुर व कानपुर से लखनऊ के बीच दौड़ती थी, जिससे छात्र छात्राये मजदूरी करने वाले गरीब कम किराये में लखनऊ चले जाते थे। लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्र से लखनऊ जाने के लिए एक व्यक्ति पर लगभग 100 रूपये का खर्चा आता है ऐसे में शिक्षा की व्यवस्था में बाधा आ रही है और साथ ही मजदूरी करके घर की रोजी रोटी चलाने वाले गरीबों के लिए भी बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। वहीं रात विरात अगर ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को आकस्मिक स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता होती है तो भी लखनऊ शहर के अलावा कोई विकल्प नहीं और लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में व शहर का जाम झेलने में लगभग दो घंटे लग जाते और और व्यक्ति अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देता है।
लेकिन नेता सांसद विधायक तो हर दल के रहे लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा स्वास्थ्य सेवा की ओर ध्यान शायद किसी ने भी नही दिया। यह एक चिंतनीय और विचार योग्य सवाल है कि क्या इन नेताओं को सिर्फ जनता का वोट ही चाहिए क्या इन नेताओं को इस जनता की समस्या से कोई सरोकार नही आजादी के बाद भी आज हमारा सरोजनीनगर शिक्षा स्वास्थ्य सेवा से बदहाल है और जो अस्पताल सरकारी है उनमें न तो कोई समुचित इलाज की व्यवस्था है और न दवा बडे़ डाक्टर जो चिकित्सा प्रभारी है वो सालों से आ नहीं रहे हैं। वार्ड व्याय व फार्मेसिस्ट के सहारे अस्पताल चल रहा है क्या जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर बडे़ अधिकारियों ने धरातल पर जाकर ग्रामीण क्षेत्र में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का हाल जानने का प्रयास किया कि यहाँ के हालात क्या है आखिर क्यों एसी में बैठकर जिला चलाने की इन अधिकारियों को आदत सी पड़ गयी है। जनता का कहना साफ है कि अबकी विधायक वही बनेगा जो इस जमीनी समस्या का निराकरण करेगा। जीत कर गायब होने वालों को जनता पहचान चुकी है।




