साध्वी का बयान, कहा— मंदिर में बम फट जाता तो आज इतना हल्ला नहीं होता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में डासना कस्बे में स्थित एक प्राचीन मंदिर में पानी पीने के बहाने अंदर प्रवेश करने वाले मुस्लिम को पुजारी ने पीट दिया। यह खबर पूरे देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी चर्चा का विषय बन गई। जबकि इससे पहले इसी मंदिर के एक सदस्य की एक विशेष समुदाय ने निर्मम हत्या कर दी थी। बावजूद इसके यह खबर राष्ट्रीय मीडिया में भी लीड नहीं बन सकी।
मुस्लिम समुदाय ने आरोप लगाया कि उनका बच्चा मंदिर में पानी पीने गया था इसलिए पुजारी ने उसकी पिटाई कर दी। जबकि मंदिर के पुजारी का कहना है कि बच्चा चोरी करने आया था। पकड़ा गया इसलिए पीटा गया। पुजारी का कहना है कि मंदिर के बाहर ही 2 नल लगे थे पर जनाब को मंदिर के अंदर वाले नल का ही पानी पीना था। पुजारी की मानें तो पूरे इलाके में 90 प्रतिशत मुस्लिम हैं। यह मंदिर कई लोगों की आखों में खटक रहा है।
पूर्व में स्थानीय मुस्लिम विधायक के नाबालिक लड़कोें को मंदिर प्रांगण में लड़कियां छेड़ते पकड़ा गया था और पीटाई भी हुई थी। यहां अक्सर ऐसा होता है। यहां दूसरे समुदाय के लड़के पूजा करने आई बहन बेटियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं ऐसी कई घटनाएं पूर्व में प्रकाश में आती रही हैं। लेकिन जब भी इसकी शिकायत की जाती है तो आरोपियों के परिजन पंचायत करके धमकाने आ जाते हैं। इसीलिए मंदिर प्रांगण में बोर्ड लगा दिया गया है कि मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है।
क्या कहना है पुजारी का
पुजारी का कहना है कि मंदिर में कई बार डकैती हुई, एक हत्या भी हुई पर इंटरनेशल क्या नेशनल मीडिया में लीड नहीं बनीं। आज जब चोरी करने की नियत से आए एक लड़के की पिटाई की गई तो इंटरनेशनल खबर बन गई है। अपने घर से लगभग 2 किमी दूर मंदिर प्रांगण में घुसकर पानी पीने वह गया ही क्यों? जब बोर्ड पर साफ लिखा था कि मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। मुझे लगता है कि यह आपसी सौहार्द बिगाड़ने के लिए साजिशन उसे भेजा गया होगा।
कड़ाई से पूछताछ होने पर पता चलेगी असलियत
इस घटना के बाद मांग हो रही है कि खुद को पीड़ित कहने वाले और उसके परिजनों से कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए। पूर्व की घटनाओं से ऐसा भी हो सकता है कि मंदिर की रैकी करने की कोशिश की गई हो। बहरहाल यह जांच का विषय है कि चोरी की नियत से, रैकी की नियत से या फिर पानी पीने के लिए वह अंदर गया । जांच पड़ताल में सब सामने आ जाएगा।
बहरहाल जिहादियों से फंड लेने वाले लोग आज हिंदुओं को बदनाम कर रहे हैं। डाक्यूमेंट्री बना रहे हैं। इस पूरी घटना की जांच होगी तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
क्या कहना है साध्वी प्राची का
इस पूरे मसले पर हिंदूवादी फायरब्रांड नेता साध्वी डॉक्टर प्राची दीदी ने कहा कि मुस्लिमों के पवित्र स्थान मक्का में 100 मीटर पहले से ही गैर मुस्लिमों के घुसने पर पाबंदी है। उस पर चुप रहने वाली कौम मंदिर में रोक लगाने से आहत हो गयी।
साध्वी प्राची ने कहा कि जो लोग मंदिर में पानी पीने गए मुस्लिम को खदेड़ देने को लेकर आहत हैं उनको बता दूं कि महमूद गजनवी भी सोमनाथ मंदिर में और बख्तियार खिलजी भी नालंदा विश्वविद्यालय मे पानी पीने के लिए ही गए थे। इसके बाद परिणाम सबने देखा है। पानी पिलाने से नहीं बल्कि इनके इतिहास और करतूतों से सबक लिया गया है।
मंदिर में एक मुस्लिम बच्चा पीटा गया तो पूरे देश में हंगामा हो गया.. अगर मंदिर में वो अल्ला हू अकबर बोलकर फट गया होता तो आज हंगामा करने वाले चुप्पी साध लेते..। जब हमारी पूजा पद्धति, संस्कृति, और विचारधारा ही अलग है तो मंदिर में जाने की जरूरत ही क्या थी?
मक्का में नहीं जा सकता गैर मुस्लिम
मक्का में कोई भी गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां केवल इस्लाम धर्म को मानने वाले ही जा सकते हैं। मक्का जाने के रास्ते में आपको जगह जगह ऐसे बोर्ड देखने को मिलेंगे जिस पर लिखा हुआ है कि मक्का में गैर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। पहले यहां गैर मुस्लिम के स्थान पर काफिर शब्द का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन बाद में इसका प्रयोग बंद हो गया। कहा जाता है कि किसी भी गैर मुस्लिम के प्रवेश से इस पाक जगह की पवित्रता खंडित हो जाती है।




