पीएमएफएस द्वारा भुगतान व्यवस्था शासन ने की समाप्त

पीएमएफएस द्वारा भुगतान व्यवस्था शासन ने की समाप्त
बिसवा/सीतापुर। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर विद्यालय विकास कार्य के लिए जो कंपोजित ग्रांट उपलब्ध कराई जाती है। उसके भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली लागू की गई। इस व्यवस्था में पोर्टल पर पहले भुगतान जिसे होना है उसका एकाउंट जोड़ना होता है।
कार्य या सामान के बदले जो देयता बनती है उसे आन लाइन अकाउंट में भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रिंट की हार्ड कापी बैंक में प्राप्त करनी होती है। बैंक 10 दिन में पैसा सम्बन्धित खाते में भेजता है। जानकारी के आभाव में एवं बैंक की उदासीनता के कारण बहुत से विद्यालयों का भुगतान 31 मार्च तक नहीं हो सका। जिससे प्रेषित धन की लिमिट नियमानुसार वापस हो गई। इसकी शिकायत जब शिक्षकों ने की तो शासन ने व्यवस्था में खामियां मानकर इसे निरस्त कर दिया और इस वर्ष पुरानी व्यवस्था से ही धन आहरण की स्वीकृति दे दी है।
ऐसे आदेश का शिक्षकों ने स्वागत किया है। इस सम्बन्ध में जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुरारी लाल श्रीवास्तव से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि शासन द्वारा लिया गया निर्णय स्वागत योग्य है। इस प्रणाली से शिक्षक परेशान थे और शासन से प्राप्त धन बहुत से स्कूलों का आहरित न हो पाने से विकास कार्य सम्भव नहीं हो सका।शासन को चाहिए कि इसके लिए नेट बैंकिंग व्यवस्था लागू करे। फोन पे,गुगल पे भुगतान को स्वीकृति दे। जिससे समय की बचत होगी तथा शिक्षक अपना पूरा समय शिक्षण के लिए दे सकेंगे।




