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महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने का सरोजनीनगर विधायक का प्रयास लगातार जारी

महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने का सरोजनीनगर विधायक का प्रयास लगातार जारी

विधायक के सहयोग से क्षेत्र में अब तक हो चुकी है 20 सिलाई सेंटरों की स्थापना

राहुल तिवारी

लखनऊ। महिलाओं की प्रगति तथा उनके स्वावलंबन हेतु दृढसंकल्पित सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में उद्यमी महिला स्वयं सहायता समूहों को निरंतर सिलाई मशीनें, पीको तथा इंटरलॉकिंग मशीनें उलपब्ध करवाकर सिलाई सेंटर स्थापित रहे हैं तथा क्षेत्र में अब तक 20 सिलाई सेंटरों की स्थापना भी की जा चुकी है।

इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए सरोजनीनगर विधायक नें इन सिलाई सेंटरों पर कपडे के थैले (कैरीबैग) बनाने का कार्य प्रारंभ करवाने की अभिनव पहल शुरू की है। इस क्रम में सोमवार को सरोजनीनगर भाजपा पदाधिकारी, क्षेत्र के जन प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि व अन्य सदस्य इन सिलाई सिलाई सेंटरों पर पहुंचे और सेंटर संचालिकाओं को इस पहल के बारे में बताया साथ ही सभी 20 सेंटरों पर 100 मीटर कपड़े तथा सिलाई के लिए अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का कार्य भी शुरू किया।

विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सरोजनीनगर मंडल में भाजपा अध्यक्ष मुकेश शर्मा के नेतृत्व में सभी सदस्य बेंती क्लस्टर पर अध्यक्षा महेश्वरी द्विवेदी, ग्राम रामचौरा सिलाई सेंटर पर प्रियंका अवस्थी, ग्राम औरांवा सिलाई सेंटर पर निशा कश्यप तथा ग्राम भटगांव सिलाई सेंटर पर रागिनी मौर्या और उनकी टीम से मिलकर इस पहल के बारे में बताया,इसी प्रकार विधान सभा क्षेत्र के अर्जुनगंज मंडल के सभी 5 सेंटरों पर भाजपा नेता शिव शंकर सिंह शंकरी के नेतृत्व में तथा सरोजनीनगर दक्षिण -1 मंडल के सभी 3 सिलाई सेंटरों, सरोजनी नगर दक्षिण- 2 के सभी 2 सेंटरों, सरोजनी नगर दक्षिण -3 के सभी 2 सेंटरों तथा ख़ुशहालगंज के सभी 4 सेंटरों पर भाजपा पदाधिकारियों तथा विधायक की टीम के सदस्यों ने पहुँच सिलाई सेंटर का अवलोकन किया व इस पहल के बारे में बताया।

सरोजनी नगर विधायक का संकल्प अपनी विधानसभा में 3000 सिलाई मशीने वितरित कर अधिक से अधिक सिलाई सेंटर स्थापित कर महिलाओं को सिलाई- कढाई जैसे कुटीर उद्योग से जोड़कर टेक्सटाइल इंडस्ट्री चेन से जोड़ना व रोजगार स्वरोजगार तथा कौशल प्रशिक्षण के अधिक से अधिक अवसर दिलाना है। इस पहल के बारे में डॉ. राजेश्वर सिंह का मानना है कि कपडे के थैले बनाने से सिलाई सेंटरों पर प्रशिक्षण के लिए आने महिलाओं की कुशलता बढ़ेगी तथा इन थैलों को क्षेत्र में वितरित किया जायेगा जिससे प्लास्टिक बैग के प्रयोग को रोकने में भी सहायता मिलेगी।

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