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जेसीपी द्वारा पत्रकार से अभद्रता को माननीयों समेत तमाम लोगों ने बताया गलत

डिप्टी सीएम बोले ऐसे पुलिस अधिकारी पर होगी कार्यवाही

पीड़ित पत्रकार से की फ़ोन पर बात

राहुल तिवारी

लखनऊ। लखनऊ के ज्वांट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया द्वारा पत्रकार की गई अभद्रता यह दर्शाती है कि उनकी नजर में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की भी वकत नही है वो भी तब जब खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक नही तमाम बार अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दे चुके हैं कि पत्रकारों के साथ अभद्रता नही होनी चाहिए।

लखनऊ के वो वायरल वीडियो जिसमे लखनऊ जेसीपी पीयूष मोर्डिया कवरेज के दौरान एक न्यूज चैनल के पत्रकार व कैमरामैन को धक्का देते नजर आ रहे और पत्रकार ने भी उनकी इस अभद्रता का पुरजोर तरीके से विरोध कर खाकी को यह अहसास दिला दिया कि पत्रकार से बदसलूकी हुई तो पूरे प्रदेश ही नही बल्कि देश का मीडिया एक साथ खड़ा हो जाएगा। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते ही माननीयों ने भी इसका संज्ञान लिया।

सबसे पहले देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र नीरज सिंह ने ट्वीट कर इस घटना को गलत करार दिया इसके बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने पत्रकार शुभम् पांडे से फोन पर बात करके ज्वांट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया पर कार्यवाही करने का भी भरोसा दिलाया। वहीं देश के रक्षा मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के छोटे पुत्र नीरज सिंह ने भी अपने ट्विटर के माध्यम से ज्वांट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया द्वारा पत्रकार से की गई अभद्रता की कड़े शब्दों में निंदा की है।

नीरज सिंह ने कहा कि पुलिस के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है कि आज किसी निर्भीक पत्रकार से पुलिस के अफसर का पाला पड़ा है। वहीं भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी रिंकू ने कहा कि ऐसे अफसरों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए सरकार को इसमें कतई ढिलाई नही बरतनी चाहिए। बड़ी हैरत की बात है कि जब पुलिस के अफसर ही इस तरह से बदसलूकी पर उतारू हो जायेंगे तो थानों व चौकी में बैठे इनके मातहतों का रवैया कैसा होगा। इसका अन्दाजा तो पुलिस के ज्वांट कमिश्नर को ही देखकर लगाया जा सकता है।

लखनऊ में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है दर्जनों हत्याओं लूट छिनैती जैसी घटनाओं का रिकॉर्ड स्वयं कमिशनरेट पुलिस के पास होगा अपराधों को रोक पाने में कमिशनरेट पुलिस नाकाम साबित हो चुकी है। शायद वर्षों से जमे पुलिस के अधिकारी अब स्वयं बेखौफ होकर पत्रकार जनता से अभद्रता करने पर उतारू हो गये हैं।

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