विद्युत कर्मचारियों ने बंद किया सीयूजी नम्बर

चौथे दिन जारी रहा बिजली कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन
सीतापुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली अधिकारियों व कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन में चौथे दिन प्रदेश नेतृत्व के आवाह्न पर सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपना सीूयजी नम्बर बंद कर दिया इसके साथ ही झटपट व उपभोक्ता शिकायत नम्बर पर आने वाली शिकायतों को भी बंद कर दिया है। लगातार चल रहे धरना प्रदर्शन से जिले के कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई साथ ही सभी विभागीय कार्य पूर्णतया ठप हो गए है। मालूम हो कि विद्युत विभाग के प्रबधंक की कार्यशैली के विरोध में बीते चार दिनों से बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर धरना प्रदर्शन शुरु किया था।
तीन दिन बाद भी प्रबधंक से कोई सार्थक वार्ता नही हो पाई तो विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने अपना सीयूजी नम्बर बंद कर दिया साथ ही झटपट पोर्टल व उपभोक्ता शिकायत नम्बर को भी बंद कर दिया। चौथे दिन धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए संगठन के संयोजक इंजी. रमेश सिंह ने कहा कि हमस ब एकजुट होकर धरना प्रदर्शन कर रहे है। जब तक कोई निष्कर्ष नही निकल आता है तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होने कहा कि अगर कोई कर्मचारी कार्य करते हुए पाया गया तो संगठन उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेगा। एसडीओ हिमांशु पटेल ने बताया कि एमडी की गलत रवैये से हम सब विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आक्रोशित है, जब तक सरकार कोई निर्णय नही लेगी तब तक धरना जारी रहेगा। धरने पर एसडीओ नगर रवि कुमार गौतम, संतोष कुमार, एसडीओ ज्ञानेश, आईबी मौर्या, रवि गुप्ता, अनिल सिंह सहित अन्य कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।
चरमाराई विद्युत व्यवस्था
विद्युत विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से विद्यत व्यवस्था चरमरा गई है। पुराने सीतापुर में सुबह चार बजे लाइन फाल्ट होने से विद्युत आपूर्ति बंद हो गई। वही बिसवां, लहरपुर तम्बौर के कई इलाकों में लाइन फाल्ट हो जाने के कारण विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है। कर्मचारियों के हड़ताल के चलते आपूर्ति बहाल नही हो पाई कई उपभोक्ता परेशान होकर निजी बिजलीकर्मियों से लाइन ठीक कराने का प्रयास करते रहे लेकिन शट डाउन आदि समस्याओं के चलते वह सही नही करा पाए। उधर हड़ताल के चौथे दिन बिल वसूली के लिए बनाए गए केन्द्र पर तैनात कर्मचारियों ने भी कार्य करना बंद कर दिया। जिसके चलते करीब छह-सात करोड़ की राजस्व का नुकसान हो गया।




