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सीएम योगी को बना लेनी चाहिए लट्ठ सेना

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक लट्ठ सेना भी बना लेनी चाहिए। अगली बार अगर वह मुख्यमंत्री बने तो ये लट्ठ सेना बहुत काम आने वाली है।

क्या अब एक मुख्यमंत्री फीता लेकर जमीन नापे। गांवों में नाली खड़ंजे का विवाद निपटाए। जब तक मुख्यमंत्री की दखल नहीं होगी आयुष्मान योजना में कार्ड तक नहीं बनेगा। आखिर इतना बड़ा तंत्र महकमा किस बात की तनख्वाह लेता है। पहले ये वीडियो देखिए।

यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जनता दरबार है यहां उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से फरियादी फरियाद लेकर आते हैं। किसी की नाली निकासी की समस्या है, तो किसी की जमीन पर अवैध कब्जा। कोई पुलिस महकमे की कार्रवाई से परेशान है तो कोई अधिकारियों की असंवेदनशीलता से। ये दृश्य बानगी है सरकारी तंत्र के सड़ांध की। ये तस्वीरें गवाही दे रही है अफ़सरों की घोर संवेदनहीनता की।…अगर इन पीड़ितों की सुनवाई उचित स्तर पर हो जाती तो इन्हें सीएम के जनता दरबार में गुहार लगाने की ज़रूरत नहीं होती….भारी भरकम ज़िम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे सीएम को हर मामले का संज्ञान लेना पड़े तभी तंत्र की निद्रा भंग हो इससे विकट विडंबना क्या हो सकती है बहरहाल ये सिलसिला दशकों से जारी है स्थायी सत्ता के आनंद में लिप्त नौकरशाह या तो पूरी तरह निर्मोही-निर्मम हैं या स्वार्थ-धूर्तता से इस कदर लबरेज़ हैं कि ‘जनता का हित’ इनके लिए बेमानी है?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अगर दोबारा प्रदेश की कमान संभालनी है तो वह अभी से लट्ठ सेना कि भर्ती शुरू कर दें। इस सेना में ईमानदार रिटायर जज और रिटायर्ड चुनिंदा ईमानदार अफसरों को लिया जाए। लट्ठ सेना के सैनिकों के एक हाथ में माला और दूसरे में लट्ठ दे देना चाहिए। यह सेना पूरे उत्तर प्रदेश में भ्रमण करें और ऐसे अफ़सरों की तलाश करे जो पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं उनको माला पहनाया जाए पुरस्कृत किया जाए। वहीं असंवेदनशील , लापरवाही, और घूसखोर अफसरों पर लट्ठ बजाया जाय उन्हें डिमोट किया जाए। जिस दिन उत्तर प्रदेश में कठोरता के साथ ये व्यवस्था शुरू हो जाएगी उस दिन से मुख्यमंत्री जी को जनता दरबार लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी

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