वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे टूटने पर हर्जाना विभाग को नही अधिकारियों की जेब में

नही दर्ज कराई जाती है एफआईआर
लखनऊ। सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे आये दिन भारी वाहनों की टक्कर से टूटते है पर इन वाहनों से जो नुकसान की भरपाई होनी चहिए वो नही होती क्योंकि वाहन चालकों से ले दे कर वही पर मामला सुल्टा लिया जाता है और राशि विभाग के लोग अपनी जेब मे रख लेते हैं।
हाइवे किनारे लगे विधुत विभाग द्वारा लगाये गये बिजली के पोल जिस ११ हजार लाइन की विधुत सप्लाई दौड़ रही है लेकिन ये खम्भे लगातार बड़े वाहनों की टक्कर से छतिग्रस्त हो रहे हैं और वाहन के खिलाफ विभाग द्वारा कोई एफआईआर दर्ज भी नहीं करवाई जा रही जिससे बिजली विभाग को वाहन स्वामी द्वारा इस खम्भे की टूटने का भुगतान भी नहीं मिल पा रहा है। लगता है कुछ दाल में काला है सूत्रों द्वारा यह भी ज्ञात हुआ है कि क्षेत्र में कौढिया, नारायणपुर, कुरौनी, रामगढी में तमाम खम्भों को भारी वाहनों ने छतिग्रस्त किया लेकिन अधिकारियों द्वारा सब मौके पर वाहन स्वामियों से समझौता कर मोटी रकम ले ली जाती है और छतिग्रस्त खम्भे तार का इस्टीमेट सरकार के खाते में डाल दिया जाता है और फिर से खम्भे लग जाते हैं और लाइन भी बिछ जाती है यह मामला कहीं और का नही बल्कि लखनऊ के विधुत वितरण खंड सेस प्रथम के बनी पावर हाउस से पोषित क्षेत्र का है गुरूवार को भी दोपहर लगभग 2 बजे मोहनलालगंज रोड पर धावापुर के पास एक भारी वाहन सख्या यूपी 75 ए टी 4748 ने ११ हजार लाइन के पोल में टक्कर मार दी जिससे तार व खम्भे छतिग्रस्त हो गये लेकिन एफआईआर आज भी नहीं हुई।वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे टूटने पर हर्जाना विभाग को नही अधिकारी व कर्मचारियों के जेब मे जाता है
नही दर्ज कराई जाती है एफआईआर
लखनऊ। सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे आये दिन भारी वाहनों की टक्कर से टूटते है पर इन वाहनों से जो नुकसान की भरपाई होनी चहिए वो नही होती क्योंकि वाहन चालकों से ले दे कर वही पर मामला सुल्टा लिया जाता है और राशि विभाग के लोग अपनी जेब मे रख लेते हैं।
हाइवे किनारे लगे विधुत विभाग द्वारा लगाये गये बिजली के पोल जिस ११ हजार लाइन की विधुत सप्लाई दौड़ रही है लेकिन ये खम्भे लगातार बड़े वाहनों की टक्कर से छतिग्रस्त हो रहे हैं और वाहन के खिलाफ विभाग द्वारा कोई एफआईआर दर्ज भी नहीं करवाई जा रही जिससे बिजली विभाग को वाहन स्वामी द्वारा इस खम्भे की टूटने का भुगतान भी नहीं मिल पा रहा है। लगता है कुछ दाल में काला है सूत्रों द्वारा यह भी ज्ञात हुआ है कि क्षेत्र में कौढिया, नारायणपुर, कुरौनी, रामगढी में तमाम खम्भों को भारी वाहनों ने छतिग्रस्त किया लेकिन अधिकारियों द्वारा सब मौके पर वाहन स्वामियों से समझौता कर मोटी रकम ले ली जाती है और छतिग्रस्त खम्भे तार का इस्टीमेट सरकार के खाते में डाल दिया जाता है और फिर से खम्भे लग जाते हैं और लाइन भी बिछ जाती है यह मामला कहीं और का नही बल्कि लखनऊ के विधुत वितरण खंड सेस प्रथम के बनी पावर हाउस से पोषित क्षेत्र का है गुरूवार को भी दोपहर लगभग 2 बजे मोहनलालगंज रोड पर धावापुर के पास एक भारी वाहन सख्या यूपी 75 ए टी 4748 ने ११ हजार लाइन के पोल में टक्कर मार दी जिससे तार व खम्भे छतिग्रस्त हो गये लेकिन एफआईआर आज भी नहीं हुई।




