तबादले के बाद भी डटे हैं बाबू जी

- क्या पुलिस महकमें में लिपिक संवर्ग में बॉर्डर जनपद समाप्त हो गया है?
- एक ही जिले में 10 वर्शों से तैनाती कितनी जायद है?
लखनऊ। अगर रसूख बड़ा है तो नियम प्रभाव विहीन हो जाते हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि अब ये दबी जुबान कई कर्मचारी कहने लगे हैं। कितने आए और चले भी गए, लेकिन साहब टस से मस नहीं हुए। आखिर वजह क्या है कि एक बाबू तबादला होने के बाद भी 10 सालों से अपने बॉर्डर जनपद में डटा हुआ है।
नियमावली कहती है कि बॉर्डर जनपद पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं हो सकती। एक नियम ये भी है कि एक जिले में सीमित समय तक ही पुलिसकर्मी की तैनाती हो सकती है। लेकिन पुलिस महकमें में तैनात बाबू रामराज यादव पिछले लगभग 10 वर्शों से एक ही जिले में तैनात हैं। इतना ही नहीं पुलिस की नियमावली को चकमा देते हुए तबादला होने के बाद भी बार्डर जनपद में तैनात हैं। मामला जौनपुर पुलिस ऑफिस का है।
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— Pritee (@anjupritee) September 2, 2022
लिपिक के पद पर तैनात रामराज यादव का रसूख कितना हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनपद जौनपुर पुलिस ऑफिस के कुछ लिपिकों का पुलिस मुख्यालय से स्थानान्तरण हुआ था,जिसमें से 2 लिपिकों को कार्यमुक्त कर दिया गया है, जबकि जनपद गाजीपुर के रहने वाले लिपिक रामराज यादव साल 2012 से अपने बार्डर के जनपद जौनपुर में नियुक्त हैं और विगत 4 वर्शाें से इनका लगातार स्थानान्तरण होने के बाद भी इनको स्थानांतरण पर कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है, जबकि बाबू सवर्ग में बार्डर जनपद में न नियुक्त किये जाने संबंधी आदेष पूर्व पुलिस महानिदेषक द्वारा साल 2014 में निर्गत किया जा चुका है।
अब सवाल यह है कि डीजीपी के आदेषों के बाद भी आखिर किसकी सरपरस्ती में रामराज यादव इतने लंबे समय से अपने बार्डर जनपद में तैनात हैं। सूत्रों की मानें तो रामराज यादव के खिलाफ कई जांच होने एवं डीआईजी वाराणसी परिक्षेत्र एवं एडीजी वाराणसी जोन को प्रार्थना पत्र देने के बाद भी इनका स्थानांतरण पर कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। वहीं इनके बाद जौनपुर में आए लिपिकों का जिनका बार्डर जनपद भी नहीं था उनको प्रधान लिपिक के साजगांठ से स्थानांतरण पर कार्यमुक्त कर दिया गया। विगत 10 वर्शों से बार्डर जनपद में नियुक्त होने के बाद भी रामराज यादव को आखिर किसके संरक्षण से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। पुलिस महकमें से लेकर सोषल मीडिया तक में ये सवाल उठने लगा है। सवाल यह भी है कि क्या लिपिक संवर्ग में बॉर्डर जनपद समाप्त हो गया है।




