उत्तर प्रदेशलखनऊसमग्र समाचार

सीतापुर की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में: आशुतोष मिश्रा

सीतापुर। रविवार को आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट आईपीएफ सीतापुर एजेंडा 2023 जन प्रतिरोध का ज्वार-जन विकल्प का नया उभार जारी किया। गहरे संकट में फंसी सीतापुर की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए जिला इंवेस्टर्स समिट का आयोजन महज ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है, जबकि भूमि सुधार, सहकारिता को प्रोत्साहन, रोजगार, कृषि आधारित कुटीर और छोटे उद्योगों का पुनर्जीवन व श्रम आधारित उद्योग , स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बेहतर प्रबंधन से ही सीतापुर की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश-एक नजर और देश बचाओ पुस्तिका भी जारी की गई। सीतापुर एजेंडा-2023 जारी करते हुए आईपीएफ के राज्य सचिव डा बृजबिहारी ने बताया कि शासन ने सीतापुर की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सीतापुर में 750 करोड के निवेश का लक्ष्य दिया जिसके सापेक्ष 26 हजार करोड 115 उद्यमियों ने दिया जिसमें हाउसिंग, इंडस्ट्री और टूरिज्म के प्रस्ताव शामिल है। घोषणा की गयी कि इससे 17 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि एक सर्वे के अनुसार डेढ लाख से ज्यादा लोग रोजगार की तलाश में सीतापुर से पलायन करते हैं। इस अवसर पर पर कानून विद और अर्थशास्त्री आशुतोष मिश्र ने कहा सीतापुर अर्थव्यवस्था गहरे संकट में फंसी हुई है।

इसे छोटी जोतों को सहकारी आधार पर पुनर्गठित करने, तीन चार ग्राम सभाओ के क्लस्टर के आधार पर किसानों और व्यापारियों के सहयोग से नौकरशाही मुक्त मंडी समितियो को बनाने से किसानों की फसल खरीद और भुगतान की गारंटी हो। मनरेगा मजदूरों को साल मे 200 दिन के काम की गारंटी की जरूरत है तभी सीतापुर की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है। मीरा राज ने कार्यक्रम का संचालन किया।

इस अवसर पर शिमला, शैजा बानो, सीमा, सन्तोष यादव, दीपक, विनीत जायसवाल, पवन, पूनम, मोबीन, लोकेन्द आदि ने हिस्सा लिया।

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