सचिव पर एक्शन, बीडिओ पर कोई कार्रवाई नहीं

- दो ब्लॉकों की जिम्मेदारी संभाल पाने में नाकाम साबित हो रही हैं बीडीओ
- मोहनलालगंज की बीडीओ को बीकेटी का मिला हुआ है अतरिक्त चार्ज
- मोहनलालगंज की गौशाला में हुई एक दर्जन से अधिक गायों की रहस्यमय मौत के बाद भी नही हुई बीडीओ पर कोई कार्यवाही
समग्र चेतना/ राहुल तिवारी
लखनऊ। मोहलालगंज ब्लॉक में खंड विकास अधिकारी के पद पर तैनात पूजा सिंह के पास बीकेटी की भी जिम्मेदारी है। दोनों ब्लॉकों के बीच में करीब 40 किलोमीटर की दूरी है। मोहनलालगंज में एक हफ्ते में गौशालाओं में बदइंतजामी और गायों के मरने की दो खबरें आयीं। मंगलवार को उच्च अधिकारियों ने मामले को संज्ञान लिया और सचिव को सस्पेंड कर दिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि नरेरा गांव में गाय को कुत्तों द्वारा नोचने की खबर और पिछले दिनों आधा दर्जन गायों की मौत का मामला। क्या सिर्फ एक सचिव ही इसका जिम्मेदार है। उच्च कुर्सियों पर बैठे जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में न सिर्फ रोस बल्कि गुस्सा भी है।
कर्मचारी हो या फरियादी या फिर पत्रकार बीडीओ पूजा सिंह के स्वभाव से अब हर कोई वाकिफ है। वह कई बार न फरियादियों से उलझ चुकी हैं। हद तो तब हो गई जब एक पत्रकार ने खबर को लेकर बीडीओ साहिबा को फोन किया तो कार्यवाही के बजाए मैडम ने पत्रकार को ही धमकी दे डाली। किसान से लेकर नेता और ब्लॉक के नागरिक एक ही सवाल उठा रहे हैं कि आखिर 40 किमी की दूरी होने के बाद भी एक ही अधिकारी को दो चार्ज क्यों दिए गए हैं। खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह मुख्य रूप से मोहनलालगंज का तालाब में तैनात हैं और इसके साथ-साथ ही अतिरिक्त चार्ज के रूप में उन्हें बीकेटी ब्लॉक भी दिया गया है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस चीज को बार-बार कह रहे हैं की जिम्मेदार अफसर अधिकारी अपने क्षेत्र को ना छोड़े हालांकि इस दूरी को तय करने में शायद बहुत लंबा समय न लगता हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि शासकीय कार्य प्रभावित नहीं हो रहा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या एक अधिकारी दो ब्लाकों की जिम्मेदारी पूरी कर सकता है? क्या जिले में दूसरा कोई खंड विकास अधिकारी नहीं है? जिसकी तैनाती की जा सके। वह भी तब जब हाल ही में एक सप्ताह पूर्व मोहनलालगंज ब्लॉक के कमालपुर बिचलिका गांव में 15 अगस्त की रात 14 गौवशो की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई थी जिससे पूरे लखनऊ में हड़कंप मच गया था।
हालांकि इसमें मेडिकल रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि गायों की मौत जहर खाने से हुई हालांकि दूसरे दिन जब भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गौ सेवक देवेंद्र तिवारी रिंकू ने गौशाला पहुंचकर वहां के हालात को देखा तो वहां पर दूसरे दिन भी गायों के लिए नांदो में चार तक नहीं था। गाय खाली पड़ी नांदो को चाट रही थी इसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ था उसके बाद गौ सेवक ने बीडीओ मोहनलालगंज से फोन करके कहा की अभी एक दिन पूर्व घटना हुई है गाय मर रही हैं उसके बाद भी चारे की व्यवस्था नहीं की गई। ग्रामीणों ने भी गौ सेवक को बताया कि रोज गाय मरती हैं पर्याप्त चारा गायों को नहीं मिलता है भूख से तड़पकर वह दम तोड़ देती हैं उसके बाद भी आखिर बीडीओ देख क्या रही हैं? वहीं एक सप्ताह बाद सरोजनी नगर के बेंती गौशाला में भी घटना हो गई यहां पर कुत्ते जिंदा गाय को नोच रहे थे। पता लगा यहां भी ऐसी अव्यवस्थाएं थी ऐसे में उसका भी बीडीओ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
मोहनलालगंज में गाय की मौतों पर कार्रवाई तो हुई लेकिन केवल सचिव पर, जबकि बीडियो पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। मोहनलालगंज में लगातार गौशालाओं की बद से बदतर स्थिति है। ऐसे में मोहनलालगंज ब्लॉक के ग्रामीणों की भी मांग है कि मोहनलालगंज में स्थाई बीडीओ की तैनाती की जाए। आम लोगों में सवाल उठ रहे हैं कि निचले स्तर पर कार्रवाई करके क्या ऐसे घटनाएं रुक पाएंगी। लोगों का मानना है कि मुख्य रूप से इसका जिम्मेदार बीडीओ है लेकिन बीडीओ पर अब तक कोई कार्रवाई नही की गई है। क्षेत्र में चर्चा है कि वर्तमान बीडियो पर एक बड़े नेता का हांथ है जिसके चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।




