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कमिश्नर साहब! आखिर बंथरा थाने के इन रसूखदार वर्दीधारियों पर इतनी मेहरबानी क्यों?

कमिश्नर साहब आखिर बंथरा थाने के इन रसूखदार वर्दीधारियों पर इतनी मेहरबानी क्यों?

कोतवालों और दरोगाओं की रवानगी तुरंत करने वाले अफसर आखिर इनके आगे क्यों हैं नतमस्तक

समग्र चेतना राहुल तिवारी

लखनऊ। कमिश्नर साहब थोड़ी निगाह बन्थरा थाने पर और दौड़ाने की आवश्यकता है जहाँ कोतवाल कई बदल गए, दरोगा भी बदले गए पर यहां पर एक दीवान ऐसा भी है जो पिछले 7 सालों से यहां जमा हुआ है यही नही दो बार उसका तबादला भी हो चुका लेकिन रवानगी आज तक नही हुई।

अभी कुछ दिनों पूर्व कुछ नेताओं के इशारे पर कोतवाल का तबादला किया गया तथा थाने के एसएसआई को पुलिस लाइन भेजा गया इन्हे बिना देर लगाए रिलीव कर दिया गया। एसएसआई ने बंथरा थाने का दायित्व बखूबी संभला था और उस दौरान कोई बड़ी घटना भी नही घटी जिसका इनाम शायद उन्हें लाइन हाजिर करके दिया गया। बन्थरा थाने में दीवान इन्द्रपाल सिंह सेंगर व ऐसे मुंशी भी है जो इसी थाने में लगभग 7-8 साल से तैनात है और इनका स्थानांतरण भी एक बार नहीं बल्कि दो दो बार हो चुका है लेकिन इन पुलिस कर्मियों के रसूख के आगे नतमस्तक अधिकारी इन पुलिस कर्मियों की रवानगी करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

जब स्वयं डीसीपी दक्षिणी विनीत जयसवाल का स्थानांतरण होने के बावजूद रूक सकता है तो फिर इन पुलिस कर्मियों की रवानगी न होना भी लाजमी है। ये तो महज एक बानगी मात्र है लखनऊ में तमाम ऐसे कोतवाल और अधिकारी है जो लम्बे समय से लखनऊ में ही जमे है और जनता की समस्याओं को भी अनदेखा कर रहे हैं। जब डीसीपी दक्षिणी विनीत जयसवाल से फोन पर बात की गई तो उन्होंने फोन उठाना भी ऊचित नहीं समझा।

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