काले धन पर रोक लगाने के लिए बंद की गई दो हजार की नोट- आशा मौर्य

दो हजार की नोट बंद करने का बाजार में दिख रहा असर
महमूदाबाद/सीतापुर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दो हजार के नोट वापस लेने के निर्णय का असर बाजार में दिखा। हालांकि व्यापारी नोट लेते नजर आए लेकिन इसी बीच ग्रामीण क्षेत्रों में इसको लेकर असर दिखाई दिया। व्यापरियों, समाजसेवियों के साथ राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार के नोट को वापस लेने का निर्णय लिया है। सूचना मिलने के बाद लगभग बाजार से गायब हो चुके दो हजार के नोट दिखने लगे। दो हजार के नोट पेट्रोल पंप, बैंक शाखाओं पर जमा करने का सिलसिला देखा गया, जबकि सरकार और रिजर्व बैंक ने 23 मई से 30 सितंबर तक किसी भी बैंक शाखा से दो हजार के दस नोट एक साथ बदलने की घोषणा कर रखी है। विधायक आशा मौर्य ने कहा कि काले धन पर रोक लगाने के लिए सरकार का सही कदम है। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवकुमार गुप्त ने कहा कि दो हज़ार का नोट चलन से बाहर किए जाने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। भाजपा नेता रामकुमार वर्मा, मोहन प्रसाद बारी, रमाशंकर वर्मा, केके सिंह ने जहां सरकार के इस कदम की सराहना की वही पूर्व काबीना मंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा, पहला ब्लॉक प्रमुख अजय यादव, महमूदाबाद प्रमुख मुकेश वर्मा, पालिकाध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने कहा कि नोट चुनाव चलन से बाहर करने से आम जनता को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। शनिवार को कई लोग अपने नोटो को बदलने के लिये बैंकों की ओर भी रूख कर गये। व्यापारी फिलहाल ग्राहकों से दो हजार के नोट लेते दिखाई दिये।



