उत्तर प्रदेशलखनऊसमग्र समाचार

जीएसटी छापेमारी के खिलाफ व्यापारियों के अंदर भरा आक्रोश

व्यापारी नेता ने मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करने की चेतावानी

सीतापुर। जनपद में पिछले पांच दिनों से लगातार हो रहे जीएसटी के छापेमारी के बाद व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जीएसटी की छापेमारी के दौरान लोग दुकानें बंद कर भाग जा रहे हैं। इसी दहशत के चलते आज अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले सैकड़ों फुटकर थोक व्यापारियों ने सड़कों पर उतर कर इस छापेमारी का विरोध किया। व्यापारियों के एक संगठन ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर इस दहशत से निजात दिलाने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि छापेमारी से छोटे व्यापारियों में दहशत का माहौल है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष भगवती गुप्ता के नेतृत्व में शुक्रवार को सैकड़ों थोक और फुटकर व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर जीएसटी टीम द्वारा किए जा रहे शोषण से निजात दिलाने की मांग की है। जिलाध्यक्ष भगवती गुप्ता का कहना है कि जीएसटी की छापेमारी से छोटा व्यापारी दहशत में आ जा रहा है और वह दुकानें बंद कर अपना व्यापार भी बंद रखे हैं, जिससे उसके सामने रोजी-रोटी का भी संकट आ सकता है। उनका कहना है कि जीएसटी की चोरी करने वाले व्यापारियों के यहां टीम छापेमारी करें उससे उन्हें कोई परेशानी नहीं है लेकिन लाव लश्कर के साथ छापेमारी से छोटे व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

पैदल मार्च करने की दी चेतावनी
जिलाध्यक्ष भगवती गुप्ता ने कहा कि डीएम से मिलकर 5 दिनों में अपनी समस्याओं से निजात दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए सीतापुर से 5 दिनों बाद पैदल मार्च करेंगे। गौरतलब है कि जीएसटी की टीम पुलिस टीम के साथ पिछले 5 दिनों से सीतापुर के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर रही है और अभिलेखों को भी अपने साथ लेकर जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

जीएसटी टीम के भय से नही खुली दुकानें
बिसवां/सीतापुर। शासन के निर्देश पर जीएसटी टीम जनपद में बराबर बीते 5 दिनों से छापा मार रही है, जिसके डर से बिसवां कस्बे में बीते तीन दिनों से व्यापारी अपनी-अपनी दुकानें बंद किए हुए हैं। दुकानें बंद होने से ग्राहक परेशान नजर आ रहा है, क्योंकि इस समय मांगलिक कार्यक्रमों की धूम चल रही है। जिसके यहां मांगलिक कार्यक्रम है वह बाजार से विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी करता है। दुकानदार अपने ग्राहकों को चोरी-छिपे रात में सामान दे रहे हैं। व्यापारियों के पास जीएसटी के व्यवस्थित कागजात उपलब्ध नहीं होता है, जिस के डर से वह अपने दुकानें बंद कर देते हैं। जहां एक तरफ व्यापारी जीएसटी से परेशान है, वही ग्राहक भी जीएसटी का बोझ उठाने में पीछे नहीं है। एक व्यापारी ने बताया कि हम लोग कुछ वस्तुओं पर दो बार जीएसटी देते हैं। एक बार थोक से माल खरीदने पर उसके बाद उसकी बिक्री करने पर। इस तरह जीएसटी से हर व्यापारी इस समय डर रहा है।

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