सरकारों की मंशा पर पानी फेर रही अधिकारियों व ग्राम प्रधानों की मनमानी

मूलभूत जरूरतों से भी महरूम हैं रामदासपुर सहित सरोजनीनगर विकासखंड के दर्जनों गांव
राहुल तिवारी
लखनऊ।केन्द्र व राज्य सरकार का यही प्रयास है कि विकसित शहरों की तर्ज पर गांवों का भी विकास हो ताकि ग्रामीणों को छोटी मोटी जरूरतों के लिए शहर ना भागना पड़े वो चाहें चिकित्सा सुविधा हो या शिक्षा व उच्च शिक्षा हर सुविधा ग्रामीणों को उनके गांवों में ही मिले इसके लिए सरकारें मोटी रकम भी खर्च कर रही हैं पर ग्राम प्रधानों की मनमानी सरकार के इन प्रयासों को विफल कर रही है।
ग्राम प्रधानों की मनमानी व अधिकारियों की अनदेखी के चलते गांवों का विकास तो दूर गांवों का हाल जानने का भी अधिकारियों के पास टाइम नही है।विकास खंड सरोजनीनगर के ग्राम सभा रामदासपुर का कुछ यही हाल है इस गाँव में न तो पुरानी नालियों की मरम्मत हुई है न तो इस गाँव में ग्रामीणों को कूड़ा फेंकने के लिए कूड़ा घर का ही निर्माण हुआ है,ना ही सामुदायिक शौचालय और न ही युवाओं के लिए खेल कूद का मैदान ही बन सका है।
कुछ यही हाल इस ग्रामसभा में चिकित्सा व शिक्षा व्यवस्था का भी है।ग्रामीणों की मानें तो यहां पर नालियाँ ध्वस्त हो चुकी है गांवों के चकरोट जर्जर हालत में है जिन पर मनरेगा के तहत कई वर्षों से काम ही नहीं हुआ।यहां पर एक छोटा सा सामुदायिक केंद्र भी बना है जिसके बाहर गंदगी का अम्बार लगा हुआ।भवन के अन्दर की भी दुर्दशा अत्याधिक खराब है लेकिन ब्लॉक के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना भी जरूरी नही समझा है।इस ग्राम सभा में लगभग 20 बीघा ग्राम समाज की भूमि है जिस पर दबंग लोगों का अवैध कब्जा है। जिसकी जानकारी अधिकारियों को भी है पर इसके बाद भी कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
स्वयं सहिजनपुर ग्राम प्रधान ने 5 बीघा ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कर रखा जिसे खाली करवाने के लिए सहिजनपुर ग्राम सभा के निवासी अमित पटेल ने तहसील दिवस में आये जिलाधिकारी लखनऊ को पत्र भी दिया था लेकिन डीएम के आदेश भी ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय लेखपाल के लिए मायने नहीं रखते हैं।अमित पटेल द्वारा दिया गया प्रार्थना पत्र भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।ग्राम प्रधान के रसूख के आगे ब्लॉक के अधिकारी से लेकर क्षेत्रीय लेखपाल तक कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं तो गाँव का विकास कैसे होगा? इसके अलावा गाँव की नालियों का गंदा पानी जिस नाले से बाहर जाना चाहिए वो नाला भी आधा अधूरा ही बना है बल्कि जर्जर हालत में है।




