उत्तर प्रदेशलखनऊ

अकीदत के साथ निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी

ऊंट व घोड़े रहे जुलूस के आकर्षण का केन्द्र
सीतापुर। नवी ए करीम के जन्मदिन के अवसर पर पूरे शहर में जुलूस-ए-मोहम्मदी बड़ी ही अकीदत के साथ निकाला गया। जुलूस के मार्गों को रंग बिरंगी बिजली की झालरों से सजाया गया। रात से ही बड़ी संख्या में महिलाएं एवं छोटे-छोटे बच्चे रंग-बिरंगे परिधानों में सजे दिखाई दिए। जुलूस मार्ग के दोनों ओर कई प्रकार की खाद्य सामग्रियों के कपड़ों के खिलौनों के एवं विभिन्न प्रकार के दुकाने लगी रही विभिन्न प्रकार की दुकानों पर बच्चों के द्वारा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद लिया गया। हर तरफ जश्न का माहौल दिखाई दिया।

अधिकतर घरों पर अरे परचम के झंडे लहरा रहे और घरों पर महिलाओं के मिलाद देर रात तक हुए जोहर के बाद मोहल्ला कोट से जुलूस प्रारंभ हुआ। जुलूस में सैकड़ों की संख्या में जीप घोड़े ऊंट आदि पर छोटे-छोटे बच्चे व पुरुष सवार रहे। कुछ नौजवानों के द्वारा अरबी वस्त्र पहनकर जुलूस में आगे-आगे चल रहे थे। कुछ नौजवानों ने अपनी बाइक को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजा कर जुलूस में शामिल हुऐ। जुलूस काजियारा चौराहा, पटिया, धोबियान, मोहल्ला ईदगाह, तरीनपुर, मुंशीगंज, मन्नी चौराहा, काजियारा चौराहे पर आकर सभा में बदल गया। जहां पर मौलाना लोगों ने तकरीरें की तथा नबी ए करीम की शिक्षाओं के बारे में बतलाया।

ओलेमा ने कहा कि हमारे नबी करीम की शिक्षाएं थी कि आपस में प्यार मोहब्बत से रहना भूखे को खाना खिलाना पड़ोसी का ध्यान ऐसे रखो जैसे कि वह तुम्हारा रिश्तेदार है। उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम तक चालीस मकानों तक तुम्हारा पड़ोस है। तुम्हारा फर्ज है कि कोई पड़ोसी भूखा ना रहे हर एक का फर्ज है कि अपने मुल्क का वफादार रहे। इसके अलावा लोगों ने नाथ शरीफ पढ़ी जुलूस-ए-मोहम्मदी का शुभारंभ बरसात के कारण देर से हुआ। कोट चौराहे पर मरकजी कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा जुलूस को झंडा दिखाकर रवाना किया गया। 12 रबीउल औव्वल दिन इतवार 9 अक्टूबर को मौलाना अबुल हसन नदवी अकेडमी की तरफ से जिला अस्पताल मे मरीजों को फल वितरित करते हुए सदर मौलाना मोहम्मद असलम, जरनल सीक्रेटरी अबुल मुजाहिद अन्सारी, हाजी मुर्तिजा हुसैन अन्सारी, .सीक्रेटरी वकील अहमद. इलियास हुसैन अन्सारी (गुड्डी ), सरपरस्त हाजी मस्त हफ़ीज़ रहमानी, सरपरस्त दानिश अन्सारी, हाजी रिज़वान, वक़ार अहमद. सहाब खां गुड्डू, सैय्यद मोहम्मद आदिल, तारिक. इम्तियाज खां अनवारुल हक़ खां, अदनान, दानिश, निसाद अहमद, मौलाना जलीस कासमी, आर्गीनाइजर कमरुल हक़ खां (कमर )समाज सेवी मौजूद रहे।

बिसवां संवाददाता के अनुसार कस्बे में मोहसिने इंसानियत नबीएकरीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के योमे विलादत 12 रबीउलअव्वल का जुलूस-ए-मोहम्मदी अकीदत व एतराम के साथ स्थानीय शाही कंकड़ वाली मस्जिद से मुस्तफा जाने रहमत पर लाखों सलाम सदाओं से गूंजता हुआ निकला। हाजी मोहम्मद अय्यूब कुरैशी एडवोकेट अध्यक्ष मरकजी सुन्नी राब्ता कमेटी ने हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ कराया। जुलूस में दर्जनों स्थानीय अंजुमनों सहित कई बाहरी अंजुमनों ने नातिया कलाम पेश कर खिराजे अकीदत पेश की जुलूस में घोड़े, ऊंट जो जुलूस की शोभा बढ़ा रहे थे। जुलूस-ऐ-मोहम्मदी अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ रात में शाही कंकड़ वाली मस्जिद पर पुरस्कार वितरण के बाद खत्म हुआ। वहीं नगर की मस्जिदों मजारों रोडो को चौराहों को व अपने घरों को लोगो ने सजाया था। जुलूस में काजी शाहिद हुसैन एडवोकेट पूर्व सपा जिलाध्यक्ष शमीम कौशर सिद्दीकी एडवोकेट अफजाल कौशर अंसारी, कयूम कुरेशी, फारुख कुरेशी, शोएब कुरैशी, डॉक्टर अहमद अली, अंसारी शरीफ, अहमद अंसारी, नैयर सकेब, आसिफ नूर खान, मोइन मुखिया, मुकर्रम खान, हुस्न नबी, मौलाना अनवर हुसैन, कादरी इजहार, उल हसन, मोहम्मद अशफाक कुरैशी, नईम अंसारी, एडवोकेट जबीउल्ला मंसूरी, अनीस राई, मोहम्मद अयूब, अतहर नेता, डॉक्टर रफी सलमान अंसारी, सभासद ज़ियाउल हक, उर्फ गुड्डू, सलाउद्दीन अंसारी आदि मौजूद रहे प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक प्रबंध किया था। जुलूस में आए हुए सभी लोगों का आभार मरकरी सुननी राब्ता कमेटी के अध्यक्ष अय्यूब कुरैशी एडवोकेट ने व्यक्त किया।

सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद
सीतापुर। जुलूस-ए-मोहम्मदी एवं बाल्मीकि जयंती को लेकर पुलिस प्रशासन के द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई। पुराने सीतापुर में कोट चौराहे पर एडिशनल एसपी उत्तरी राजीव दीक्षित एवं क्षेत्राधिकारी नगर की अगुवाई में कोट चौराहे से लेकर यारा काजियारा सिटी स्टेशन मन्नी चौराहा, मुंशीगंज, पक्का पुल आदि पर भारी पुलिस बल तैनात रहा एडिशनल एसपी एवं क्षेत्राधिकारी नगर के द्वारा भ्रमण कर जुलूस की मार्गों पर तैनात पुलिस कर्मियों को चाक-चौबंद रहने के दिशा-निर्देश दिए जाते रहे। शांति पूर्वक कार्यक्रमों को सफल करवाने की दिशा-निर्देश पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी के द्वारा सभी थानाध्यक्षों एवं क्षेत्र अधिकारियों को निर्देश दिए गए। सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की भी कोताही ना हो इसलिए सिविल पुलिस के साथ-साथ पीएसी बल भी जुलूस के मार्गों पर तैनात किया गया। साथ ही साथ फायर सर्विस की गाड़ी भी कार्यक्रम स्थलों पर मौजूद रहे।

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