उत्तर प्रदेशलखनऊ

गायों सहित गौवंशों की दुर्दशा, आखिर जिम्मेदार कौन ?

  • ठंड और भूख के कारण हो रही गौवंशो की मौतें
  • प्रधान और सचिव सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का परिणाम
  • गौवंश की हो रही दुर्दशा से क्षेत्रीय लोगों में प्रशासन सहित सरकार के प्रति आक्रोश

बांदा : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का कार्यकाल पूरा हो चुका है। विधान सभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। भा ज पा सरकार ने अपने लगभग पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान सभी क्षेत्रों में कुशल निर्देशों के चलते तमाम कार्य किए परंतु जनपद में गायों की हो रही दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है।

ताजा मामला बांदा सदर तहसील व ब्लॉक बड़ोखर खुर्द के अंतर्गत ग्राम पंचायत हटेटी पुरवा के मजरा कहला में गायों की दुर्दशा का प्रकाश में आया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक इस ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण नही किया गया है। जनपद में लगातार चार दिन से चल रही बेमौसम बरसात के चलते ठंड से गौवंश की हालत नाजुक हो गई है। सोशल मीडिया में प्रसारित तस्वीरों और वीडियो का ध्यान पूर्वक अवलोकन उपरांत बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार द्वारा गौवंशों के संरक्षण हेतु जारी दिशा निर्देशों को किस तरह धता बताकर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं।

तस्वीरों में मृत गौवंश को कुत्ते नोचते नजर आ रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जिम्मेदार लोगों की मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान ओमप्रकाश निषाद से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत में एक भी गौशाला अब तक नहीं बन पाई है। ग्राम पंचायत अधिकारी पंकज कुशवाहा के अनुसार ग्राम पंचायत हटेटी पुरवा के मजरा कहला में किसी गौवंश की ना तो भूख और ठंड में मौत हुई है और ना ही उनको इस मामले की कोई जानकारी है। ग्राम प्रधान का कहना है कि किसी गौशाला का निर्माण अब तक नही हुआ है जबकि ग्राम पंचायत सचिव का कहना है कि गौशाला निर्माणाधीन है।

दोनो जिम्मेदार व्यक्तियों के बयानों में विरोधाभास है। चित्रकूट धाम मंडल बांदा से संस्कार भारती के विभाग संयोजक हरी नारायण मिश्रा द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक गायों की ऐसी दुर्दशा कभी नहीं देखी गई है। सरकार द्वारा जारी गौवंशो के संरक्षण हेतु दिशा निर्देशों का ना तो स्थानीय प्रशासन ध्यान देता है और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का इस और कोई ध्यान है। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय विधायक ने इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया वर्ना उनके विधान सभा क्षेत्र में गायों की ये दुर्दशा ना होती। नेताओं की उदासीनता और लापरवाही का दंश यहां के गौवंश झेलने को मजबूर हैं।

गौवंश को भूख और ठंड से बचाने के लिए इस ग्राम पंचायत में कोई इंतजाम अब तक नहीं किए गए हैं। यदि यही हाल रहे तो आने वाला समय पूरे हिंदू समाज को पतन की ओर ले जायेगा। इस बाबत जब जिम्मेदार अधिकारियों से जानकारी हेतु दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया तो उपजिलाधिकारी सदर का सी यू जी नंबर उठा ही नही। देखने वाली बात ये होगी कि खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन की त्वरित कार्यवाही क्या होगी। गौवंश की मौतों, बद इंतजामी और दुर्दशा के चलते क्षेत्रीय जनता में स्थानीय प्रशासन सहित सरकार के प्रति आक्रोश है।

समग्र चेतना के लिए
बांदा से
अनिल सिंह गौतम की रिपोर्ट

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