वैश्विक महामारी कोरोना से रक्षा के लिए 26 मई को गायत्री परिवार करोड़ों साधक एक साथ करेंगे यज्ञ

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना से रक्षा, विश्व में सुख शांति समृद्धि के लिए 26 मई को प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक एक ही समय पूरे विश्व मे करोडों साधकों के द्वारा गायत्री यज्ञ किया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए गायत्री परिवार के मुख्य मीडिया प्रभारी उमानंद शर्मा ने बताया कि गायत्री परिवार की मुखिया शैलबाला पण्ड्या, शैफाली पण्ड्या के आवाहन पर 26 मई 2021 को प्रातः 9ः00 से 11ः00 बजे तक पूरे विश्व में गायत्री साधक एक साथ गायत्री यज्ञ करेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि यह एक अध्यात्मिक प्रयोग है। पिछले वर्ष भी 31 मई 2020 को यह प्रयोग पूरे विश्व में हुआ था।
श्री शर्मा ने बताया पूरे विश्व में गायत्री साधक अपने घरों में यज्ञ तो करेगें साथ-साथ अपने मित्र, बन्धुओं, परिचित को भी प्रेरित करेगें। जब महामारी का प्रकोप बढ़ जाता है तब मनुष्य के बस में नहीं रहता है एवं सृष्टि के तीनों लोकों के स्वामी से प्रार्थना करनी पड़ती है, आज पूरे विश्व में कुछ ऐसा ही दौर चल रहा है।
इस प्रार्थना में मानव जाति, पीड़ा-पतन से बचे, श्रेष्ठ कार्य करें, सन्मार्ग में चले, त्याग परमार्थ के जीवन को अपनाये, भोग-विलास, अनीति-अधर्म, पाप से बचे, ऐसा आत्मबल जनमानस को मिले इसलिए ऐसा अध्यात्मिक किया जाता है। देश की आजादी के समय महर्षि अरविन्द ने भी राष्ट्र के लिए कुण्डलनी जागरण का आध्यात्मिक प्रयोग कराया था।
श्री शर्मा ने बताया गायत्री शक्तिपीठ, प्रज्ञा मण्डल, महिला मण्डल, युवा मण्डल, प्रबुद्ध वर्ग, सभी संस्थानों के ट्रस्ट के सदस्य, गायत्री परिवार के वरिष्ठ सक्रीय सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में दूरभाष संयोजन करायेंगे एवं जिन परिजनों को यज्ञ करना नहीं आता है वे मोबाईल पंडित के माध्यम से करेंगे। (लिंक-https://youtu.be/r-aC-8tYfA0 )
लखनऊ राजधानी एवं उपजोन, सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, का संयोजन अरविन्द निगम, सुरेन्द्र सिंह इन जिलों के संयोजक करेंगे। श्री शर्मा ने बताया कि उक्त आयोजन के मुख्य क्रमशः 8 उद्देश्य होंगे जो कि निम्नवत हैं:-
1 वातावरण परिशोधन
2 प्राणी मात्र की रक्षा
3 कोरोना वाइरस का नाश
4 करोड़ों कोविड से पीड़ित व्यक्तियों के स्वास्थ्य लाभ
5 डाक्टर, नर्स, पुलिस कर्मचारी, प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि, सफाई कर्मचारी एवं प्रशासन अधिकारी जो कोविड से सीधे जुडे़ हुए हैं उनकी सुरक्षा।
6 भारत भूमि से सम्पूर्ण विश्व को कोरोना से मुक्ति।
7 पूरे विश्व में कोविड से मृत्यु हुए लाखों व्यक्तियों की आत्मउन्नति।
8 यह विशेष अध्यात्मिक प्रयोग है।



