उत्तर प्रदेशलखनऊ

परिवार नियोजन को आईयूसीडी व अंतरा पर महिलाओं ने जताया भरोसा

– खुशहाल परिवार दिवस पर 190 महिलाओं ने अंतरा व 192 ने आईयूसीडी को अपनाया
सीतापुर। परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों में आईयूसीडी (इंट्रा यूटेराइन कांट्रासेप्टिव डिवाइस) और गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा पर महिलाएं विशेष भरोसा जता रही हैं। इस माह के खुशहाल परिवार दिवस के आंकड़े बताते हैं कि परिवार नियोजन को लेकर नव विवाहित दंपति त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा पहली पसंद बना है। इसके अलावा एक और दो बच्चों वाले दंपति या फिर तीन अथवा तीन से अधिक बच्चों वाले दंपति को आईयूसीडी पर अधिक भरोसा है। इसके अलावा पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) तीसरी पसंद बना है। तीन या फिर तीन से अधिक बच्चों वाली पांच महिलाओं ने परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को भी अपनाया है।
सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी क्रम में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए हर माह की 21 तारीख को स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर दंपति को परिवार नियोजन के साधनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इस मौके पर लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधनों में से उनकी पसंद के अनुसार किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाता है।
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इस तरह महिलाओं ने लिया लाभ —
परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रबंधक जावेद खान ने बताया कि अक्टूबर माह के खुशहाल परिवार दिवस पर 70 गर्भवती उच्च जोखिम वाली चिन्हित हुई हैं। इस मौके पर 192 महिलाओं ने आईयूसीडी और 190 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है। इसके अलावा 113 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) को अपनाया है। इसके अलावा इस मौके पर अनचाहे गर्भ से बचने के लिए 2,145 महिलाओं को गर्भ निरोधक खाने की गोली छाया और 2,050 महिलाओं को माला एन गोली का भी वितरण किया गया। इसके अलावा 6,732 कंडोम का भी वितरण किया गया।
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अपने हिसाब से चुनें विकल्प —
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. आरएन गिरी ने बताया कि परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में अंतरा इंजेक्शन महिलाओं द्वारा बेहद पसंद किया जाता है। यह इंजेक्शन प्रति तीन माह के अंतर पर लगाया जाता है। इसे माहवारी आने के एक सप्ताह के अंदर और प्रसव के छह सप्ताह बाद ही लगाया जाता है। गर्भवती को यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के लिए आईयूसीडी (इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है। इसे माहवारी के बाद अथवा प्रसव के छह सप्ताह बाद लगाया जाता है। वहीं जरूरत होने पर इसको आसानी से निकलवाया जा सकता है। अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाएं इसे बेहद पसंद करती हैं। दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के लिए पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है। इसे प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगाया जाता है। वहीं जरूरत होने पर इसको आसानी से निकलवाया जा सकता है। अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाएं इसे बेहद पसंद करती हैं।

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