कभी कबाड़ी का काम करते थे Nawab Malik || जानें मनी लॉडिंग केस और दाउद कनेक्शन!

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक कभी कबाड़ी का काम करते थे। लेकिन देखते ही देखते उनके दिन बदल गए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार चर्चाओं में रहने वाले नवाब मलिक पर लगे गंभीर आरोपों की जांच ईडी कर रही है. इससे पहले दाऊद के भाई इकबाल कासकर से ईडी ने इसी मामले में पूछताछ की थी.
नवाब मलिक का विवादों से गहरा नाता रहा है। पुलवामा हमले की बरसी पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि, ‘एक साल में ये पता नहीं चल पाया कि आरडीएक्स कहां से आया. 40 जवान शहीद हुए, चुनाव का मुद्दा बना और मोदी जी चुनाव जीत गए.’ उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जब NCB ने नशे और ड्रग्स के कार्रवाई की थी तो उस मामले में एक संदिग्ध ने नवाब मलिक के दामाद समीर खान का नाम लिया था. इसके बाद NCB ने समीर खान को गिरफ्तार भी किया था.
नवाब मलिक पिछले दिनों ड्रग्स मामले को लेकर खूब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को लेकर कई खुलासे किए थे. नवाब मलिक ने वानखेड़े पर करोड़ों की वसूली के आरोप लगाए थे. साथ ही बीजेपी नेताओं के साथ उनके कनेक्शन की भी बात कही थी. इसके बाद जब ईडी की तरफ से उन्हें नोटिस भेजे गए तो उन्होंने इसे बदले की राजनीति करार दिया था.
मलिक पर माहिम की जरीवाला चाल पुनर्विकास परियोजना में कदाचार के कई आरोप लगे थे. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी इस मामले को उठाया. फिर एक जांच शुरू की गई और नवाब मलिक को इस्तीफ़ा देना पड़ा. 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा था तत्कालीन राज्य मंत्री द्वारा लिया गया निर्णय उचित था.
शाहरुख ाखन के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामला सामने आने के बाद सबसे आक्रामक विरोध नवाब मलिक ने किया था। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने एनसीबी और समीर वानखेड़े पर आरोप लगाने के लिए नवाब मलिक की आलोचना की.
नवाब मलिक का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले का रहने वाला है. उनके परिवार की अच्छी खेती बाड़ी और कारोबार था, परिवार आर्थिक रूप से संपन्न था.
नवाब का मूलतह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उनका जन्नम 20 जून 1959 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के उतरौला तालुका के एक गाँव में हुआ था. इसके कुछ समय बाद मलिक परिवार मुंबई चला गया। मलिक परिवार के मुंबई में छोटे और बड़े व्यवसाय थे. उनके पास एक होटल था. इसके अलावा उनके कबाड़ के कारोबार के साथ कुछ और छोटे मोटे काम धंधे थे.विधायक बनने से पहले वह कबाड़ का कारोबार करते थे।
नवाब मलिक पहली बार साल 1996 में नेहरू नगर से विधायक चुने गए. इसके बाद नवाब मलिक ने साल 1999 और साल 2004 में भी नेहरू नगर विधानसभा से जीत दर्ज करके विधायक बने. साल 2009 में नवाब मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और चौथी बार विधायक बने. हालाँकि इस सीट पर उन्हें साल 2014 में मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 2019 में नवाब मलिक ने एक बार फिर अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर पांचवीं बार विधायक बने. यहीं नहीं नवाब मलिक महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री भी बने. नवाब मलिक को एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बेहद विश्वासी और खास माना जाता है.




