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तो क्या फिर जिले में लिखी जा रही है खाद्यान्न घोटाले पटकथा

खरीद केेन्द्रो पर किसान दिखाई नही दिए और खरीद हो गई हजारों कुंटल
डीसी पीसीएफ अतुल चौधरी की कार्यशैली बनी चर्चा का विषय
सीतापुर। जनपद सीतापुर खाद्यान्न घोटाले को लेकर पूरे देश में चर्चा में रह चुका है, सरकार चाहे समाजवादी पाटी की हो यह फिर बसपा या फिर भाजपा की। हर सरकार में अन्नदाताओं के हक पर अफसर व सफेदपोशाक धारियों के सरंक्षण में दलालों व खाद्यान्न माफियाओं ने हमेशा डाका डाला है। आपको बता दे कि करीब दो दशक पहले हुए खाद्यान्न घोटाले की हुई सीबीआई जांच में जिले के कई सफेदपोश नेता व कई बड़े अधिकारी जांच की जद मंे आए थे और दोषी भी साबित हुए थे।

इस जांच के दौरान जनपद के सभी कोटेदार से लेकर ठेकेदार सहित राइस मिलर्स व गल्ला व्यापारियों तक से सीबीआई ने कई बार सवाल जवाब किए थे। यह घोटाला पूरे देश में चर्चा का विषय बना था एक बार फिर जिले में खाद्यान्न घोटोले की पटकथा लिखी जा रही है। इस घोटाले की नींव रखने में सहकारिता, पीसीएफ, पीसीयू व यूपीएसएस के अधिकारी जिम्मेदार है। तीन दिन पूर्व सांसद धौरहरा रेखा अरुण वर्मा ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि महोली तहसील क्षेत्र में बनाए गए पीसीएफ के धान क्रय केन्द्रो पर किसान दिखाई नही पड़ रहे है और खरीद दर्शायी जा रही है।

सांसद की शिकायत के बाद जिलाधिकारी एक्शन मोड में आए और एसडीएम महोली पूनम भास्कर के नेतृत्व में टीम बनाकर महोली क्षेत्र के नेरी, नरहरा, सेज सहित करीब आठ केन्द्रो का निरीक्षण किया। इस दौरान पाया गया कि नरहरा केन्द्र पर तौल यंत्र के बगैर ही सैकड़ों कुंतल धान खरीद हो गई। औचक निरीक्षण की सूचना पाकर अन्य केन्द्रो पर मौजूद दलाल रफू चक्कर हो गए। नरहरा केन्द्र पर फर्जीवाड़ा पर केन्द्र प्रभारी सहित सचिव पर मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही की जा चुकी है। सांसद की शिकायत पर की गई कार्यवाही तो महज एक बानगी है धान खरीद घोटाले की असलियत देखनी है तो बाढ़ग्रस्त इलाके पर नजर डाले, तो भ्रष्ट्राचार परत दर परत खुलेगा। मजे की बात तो यह है कि सभी गांजरी इलाके जोकि बाढ़ग्रस्त भी रहता है वहंा पर संचालित धान क्रय केन्द्रो पर किसान दिखाई नही दिए और लाखो कुंतल धान की खरीद हो गई।

फसले जलमग्न, खरीद केन्द्र उतने ही ज्यादा
जिले के लहरपुर, बिसवां व महमूदाबाद तहसील की अधिकतर क्षेत्र हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आ जाता है। ऐसे में इन्ही क्षेत्रों में अधिकतर धान खरीद केन्द्र बनाया जाना ही कही न कही खाद्यान्न घोटाले को आहट दे रहा है। तहसील लहरपुर पचास व बिसवां में करीब दो दर्जन धान खरीद केन्द्र पीसीएफ ने खोले है। जबकि इन क्षेत्रों में हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आकर फसलें बर्बाद हो जाती है। ऐसे में इन धान क्रय केन्द्रो पर हजारों कुंटल धान खरीद हो जाना कही न कही बढ़े घोटाले की तरफ इशारा कर रहा है। जैसे सांसद रेखा अरुण वर्मा की शिकायत पर महोली क्षेत्र में जांच हुई है ंऐसे ही अगर पूरे जिले में अभियान चलाकर चेंिकंग की जाए तो सब कुछ साफ हो जाएगा।

चर्चा में पीसीएफ व पीसीयू
धान क्रय केन्द्र बनाने में पीसीएफ व पीसीयू कार्फी चर्चा में रहता है। शासन के निर्देशों के अनुसार धान खरीद केन्द्र सरकारी भवन संभव हो तो मुख्य मार्ग पर खोलना चाहिए लेकिन सीतापुर में पीसीएफ डीएस अतुल चौधरी ने अपनी मनमानी में सारे नियमों को ताक पर रखकर धान खरीद केन्द्र बनाए है। इसी तरह पीसीयू मंे भी बनाए गए केन्द्र चर्चा में रहे है। यही नही पीसीयू व पीसीएफ के अधिकारियों की मिलीभगत से धान खरीद में जमकर भ्रष्ट्राचार किया जा रहा है। पीसीएफ में डिफाल्टर समिति को पीसीयू ने केन्द्र बना दिया। इतना ही नही धान खरीद में जिन किसानों का धान फसल का सत्यापन कर केन्द्र पर धान बेचा जा रहा है सूत्रों की माने तो उसी गाटा संख्या पर गन्ना का भी सर्वे कराया गया है। आपको बता दे कि दो वर्ष पूर्व भी धौरहरा सांसद की शिकायत पर पीसीयू के चमखर केन्द्र पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था जिसमें केन्द्र व सह प्रभारी सहित कई अन्य पर मुकदमा दर्ज हुआ था।

धान खरीद केन्द्रों के आवंटन में तो काफी गड़बड़ी की ही गई है साथ ही केन्द्रों न तो किसानों को सुविधाएं मिल रही है, यही नही धान खरीद केन्द्रो पर किसान दिखाई नही दे रहे है औ सैकड़ो कुतंल धान खरीद हो गई। धान खरीद केन्द्र में हो रहे भ्रष्ट्राचार की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी-रेखा अरुण वर्मा सांसद धौरहरा

सभी केन्द्रो पर अभियान चलाकर धान खरीद का निरीक्षण किया जा रहा है, नरहरा केन्द्र प्रभारी पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। कही गड़बड़ी पाई जाएगी तो तत्काल कार्यवाही की जाएगी-राम भरत तिवारी एडीएम सीतापुर

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