क्षेत्र में उद्यमों को बढ़ाने के लिए Rural चौपाल का आयोजन
गाय, ग्रामीण संसाधन और आधुनिक तकनीक के आधार पर क्षेत्र में उद्यम लगाने हेतु कार्यरत संस्था रूरल हब ने ब्लॉक सभागार में रूरल चौपाल का आयोजन किया

लखनऊ: गाय, ग्रामीण संसाधन और आधुनिक तकनीक के आधार पर क्षेत्र में उद्यम लगाने हेतु कार्यरत संस्था रूरल हब ने ब्लॉक सभागार में रूरल चौपाल का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम के आयोजक गौरव गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम भारत के उद्योगों का विश्लेषण करें तो वह दो भागों में नजर आता है एक भाग वह है जिसमें भारी एवं मध्यम उद्योग हैं जिनके पास अपने आरएंड डिपार्टमेंट और प्रशिक्षित कर्मचारी व तमाम कंसल्टेंट है जिसके माध्यम से वह उद्योग आम जनमानस की आवश्यकताओं के अनुसार न्यूनतम मूल्य पर वस्तुएं आपूर्ति कर लाभ कमाते हैं वहीं दूसरी तरफ लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के पास सीमित संसाधन नवीन तकनीक के अभ्यास और जानकारी का अभाव, बाजार की मांग के अनुरूप आपूर्ति न कर पाना, विधि और आवश्यक कानूनी कार्य पूरी न करने जैसी चौतरफा समस्याओं का जाल है जिसके कारण लघु व सूक्ष्म उद्यम खत्म होते जा रहे हैं गांव व कस्बों के संसाधन खाली पड़े हैं और युवा किसान महिलाओं के पास में रोजगार नहीं है ऐसी स्थिति में भारत सरकार के पूर्व सचिव डॉ कमल टावरी जी, डॉ बृजेश शुक्ला जी पूर्व सचिव भारत सरकार, डॉक्टर निरंजन वर्मा जी कुलपति पंचगव्य विद्यापीठम कांचीपुरम, डॉ प्रदीप गांधी जी पूर्व सांसद राजनांदगांव और ब्रज भूषण दुबे वरिष्ठ पत्रकार गाजीपुर के मार्गदर्शन में इन उद्यमों को स्वावलंबी बनाने के लिए उनको सभी सेवाएं सिंगल विंडो सर्विस के माध्यम से देने के लिए रूरल हब स्टार्टअप का आरंभ किया है जिसके माध्यम से सरकार स्पॉन्सर्ड व गैर सरकारी बैंकबल उद्यम आसानी से लगाया जा सकते हैं।
इस चौपाल के मुख्य अतिथि सुरेश गुप्ता सचिव उत्तर प्रदेश गौशाला महासंघ ने बताया कि वह कानपुर में 1600 गायों की गौशाला का संचालन कर रहे हैं यह गौशाला 18वीं शताब्दी की है इस गौशाला में गाय के गोबर गोमूत्र से दवाइयां और खेती किसानी के लिए उर्वरकों का निर्माण किया जाता है गौशाला में बायोगैस के माध्यम से 50 से अधिक घरों को बिजली आपूर्ति की जाती है एक अच्छा मॉडल है और उन्होंने क्षेत्र के लोगों को गौशाला आने का निमंत्रण भी दिया
मुख्य अतिथि डीपी तिवारी मुख्य प्रबंधक इफ़को लखनऊ ने किसानों के सवालों के जवाब देते हुए कहा इफ़को देश के लिए गौरव है उन्होंने 1961 से 1967 के मध्य हुए देश के हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि देश की अधिकतर भूभाग पर अकाल पढ़ा हुआ था और चीन और पाकिस्तान युद्ध कर रहे थे उस हालात में इतनी कम जनसंख्या होते हुए भी हम लोग उत्पादन नहीं कर पा रहे थे ऐसे समय में देश के वैज्ञानिकों ने इफ़को के माध्यम से हरित क्रांति लाए आज हम डेढ़ सौ करोड़ हैं और अमेरिका जैसे 20 देशों का पेट भर सकते हैं कितना हमने उत्पादन किया लेकिन उस उत्पादन में हमने जमीन की उर्वरा शक्ति को नष्ट कर दिया अब हमको अधिक उत्पादन कि नहीं क्वालिटी वाले उत्पादन की आवश्यकता है जिसको जैविक खेती के माध्यम से पूरा किया जा सकता है आज कोरोना के बाद पूरा समूचा विश्व भारतीय जैविक उत्पाद की तरफ देखता है आज आज यूरिया की खपत साढ़े तीन लाख टन है जबकि हमारे देश में उत्पादन केवल ढाई लाख करोड़ ही होता है एक लाख करोड़ टन हमारा देश बाहर से उत्पादन में पूरा करता है ऐसे समय में हम अपना पैसा बाहर भेज रहे हैं किसानों को नैनो डीएपी पर आना चाहिए नैनो डीएपी का इस्तेमाल करना चाहिए जो पूर्णतया भारतीय है आज हम अमेरिका को नैनो डीएपी एक्सपोर्ट कर रहा है जो हमारे लिए गौरव की बात है किसानों को जैविक खेती और अन्य प्राकृतिक खेती जैसे अन्य संसाधनों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए
उद्यान विभाग लखनऊ से आए स्टेट कोऑर्डिनेटर मुनीश गावड़े ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के माध्यम से क्षेत्र के लोग उद्यम लगे जिसमें सरकार 35% क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी दे रही है जिसकी अधिकतम सीमा 10 लख रुपए प्रति उद्यम है यह लाभ उन सभी उद्यमियों को दिया जा रहा है जो खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपने उद्यम का उन्नयन करना चाहते हैं या नया उत्तम लगाना चाहते हैं केंद्र सरकार और राज्य सरकार की यह पहली योजना है जिसको परिंदा स्पेस और रूरल हब जैसी कंपनियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है यह योजना इतनी पारदर्शिता के साथ में क्रियान्वित हो रही है कि पिछले डेढ़ साल में जितने भी लोन हुए हैं उनमें से कोई भी लोन एनपीए नहीं हुआ है इस योजना के माध्यम से लाभार्थी को ऑनलाइन आवेदन करना होता है इसके बाद जिला स्तर ब्लॉक स्तर के डीआरपी उसे व्यक्ति को तकनीकी प्रशिक्षण और निर्देश अनुभव देते हैं जिसके माध्यम से वह फाइल बैंक पहुंचती है और वहां से उसका लोन हो जाता है इस योजना से बेकरी उद्योग पशु एवं चारा मुर्गी उद्योग दाल मिल, राइस मिल, फ्लोर मिल, दुग्ध उत्पाद, मक्का संबंधी और मोटे अनाज आधारित शहद प्रसंस्करण सब्जी आधारित गन्ना आधारित, सोयाबीन आधारित, मसाला आधारित, उत्पाद अचार मुरब्बा सिरका ready-to-eat मशरूम जैसी सैकड़ों उद्यम उत्तर प्रदेश में लग चुके हैं पहले सरकार की योजनाएं बजट आधारित होती थी यह पहली योजना है जो उद्यम आधारित है सरकार ने जिला के संसाधनों के अनुसार वहां के टारगेट सेट किए हैं अधिकतर जिलों में टारगेट पूरे हो रहे हैं कुछ जिलों में नहीं हो रहे हैं। मैं रूरल चौपाल के माध्यम से आप सभी किसान, प्रधान, बीडीसी, अतिथियों और यहां पर उपस्थित पत्रकार बंधुओं से अपील करता हूं कि वह सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य करें ताकि आम जनमानस को फायदा हो सके।
रूरल चौपाल में ब्लाक प्रमुख महेंद्र वाजपेई जी ने संबोधित करते हुए कहा कि रूरल चौपाल कार्यक्रम किसानों को उद्यमी बनाने के लिए किसानों की समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए ही आयोजित किया जाता है इसके लिए मैं गौरव गुप्ता को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने एक ऐसा मंच उपलब्ध कराया जिसके माध्यम से किसान उद्यमी अपनी बात को कह सकते हैं और विशेषज्ञ उसका समाधान भी करा सकते हैं
क्षेत्र के किसान सच्चिदानंद राय ने अपनी समस्या रखते हुए कहा कि देश के वैज्ञानिकों और अधिकारियों से कहां चूक हो गई की जैविक खेती के संबंध में जो आज कहा जाता है वह उस समय नहीं पढ़ पाए और देश को ऐसे गर्त में ढकेल दिया जिसमें देश की माटी विषाक्त हो गई
लोक भारती का जिला संयोजक अतुल रस्तोगी जी ने लोक भारती द्वारा पर्यावरण संरक्षण और मोहम्मदी को उत्तम नगर बनाए जाने संबंधी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी और लोगों से आह्वान किया कि वह गांव में गौशाला मित्र और अमृत सरोवर मित्र बनाने में सहयोग करें जिससे एक ऐसा तंत्र खड़ा हो जाए जो पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करें वह क्षेत्र के तमाम समाजसेवी संगठनों और संस्थाओं से आवाहन करते हैं कि वह अपने अपने क्षेत्र के गौशालाओं में गोमूत्र और अमृत सरोवर में अमृत सरोवर मित्र की भूमिका निभाने में सहयोग करें
इस कार्यक्रम का संचालन ऋषिकांत त्रिवेदी ने किया और बंगो लोक भारती के राष्ट्रीय प्रमुख तपन विश्वास, गोला जिला के सरसंघचालक अमित भाषीन, प्रधान संघ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अवस्थी, अतुल बाजपेई, आयुष गुप्ता राम प्रताप सिंह, अंकुर अवस्थी, इंदु गुप्ता, गोपाल तिवारी देवेंद्र मिश्रा आदि ने सहभागिता की।