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बेहतर प्लान बनाकर गुणवत्तापरक लघु फिल्म बनायें: प्रमुख सचिव

सूचना निदेशालय में गुणवत्तापरक लघु फिल्म निर्माण के सम्बन्ध में आयोजित हुयी कार्यशाला

बेहतर प्लान बनाकर गुणवत्तापरक लघु फिल्म बनायें: प्रमुख सचिव

लघु फिल्मों में स्क्रीप्ट राइटिंग का महत्वपूर्ण रोल

लघु फिल्मों के माध्यम से सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाएं

लखनऊ: प्रमुख सचिव सूचना श्री संजय प्रसाद ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उ.प्र. लखनऊ के सभागार में गुणवत्तापरक लघु फिल्म निर्माण के सम्बन्ध में आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ किया। उन्होंने कार्यशाला में आये फिल्म निर्माण विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभव शेयर करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक लघु फिल्म बनाने के लिए प्लान के तहत कार्य करें, जिससे कि लघु फिल्म को बेहतर से बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि फिल्म बनाना एक कला है, जिसके लिए निरन्तर कार्य कर इसे और निखारा जा सकता है। प्रदेश सरकार की योजनाओं को अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने में लघु फिल्म अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

उन्होने कहा कि लघु फिल्मों मे सरकार की योजनाओं एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को लोगो तक पहुंचाने का कार्य किया जाय। लघु फिल्मों में स्क्रीप्ट राइटिंग का भी महत्वपूर्ण रोल होता है। उन्होंने कहा कि लघु फिल्मों के कार्य में लगे विशेषज्ञ अपने प्रतिभा को एक अलग स्तर पर ले जाय, जिससे लोगो को इसका लाभ मिल सके।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए निदेशक सूचना श्री शिशिर ने कहा कि सूचना विभाग विभिन्न क्षेत्रों में लघु फिल्म बनाने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने लघु फिल्म बनाने वाले लोगों से कहा कि अच्छी फिल्मे बनाये विभाग हमेशा आपके सहयोग के लिए तत्पर रहेगा। उन्होंने कहा कि लघु फिल्म के लिए सटीक स्क्रिप्ट, उपयुक्त स्थान, संगीत, पटकथा, और अभिनय महत्वपूर्ण होती हैं।
कार्यशाला में आये फिल्म निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों ने व लघु निर्माण फिल्म के सभी पहलूओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में गुणवत्तापरक फिल्म बनाने के लिए विभिन्न चरणों का पालन करने पर जोर दिया गया, जिसमे बताया कि एक रुचिकर कहानी चुनें जो दर्शकों को आकर्षित करे और उन्हें संवेदनशील बनाये। स्क्रिप्ट लिखें जिसमें कहानी, पात्रों के विकास, और दृश्यों का विवरण हो। निर्माण की योजना बनाएं और उपकरण, स्थान, कला, और अभिनेताओं को संगठित करें। कहानी को फिल्म के रूप में निर्माण करें। इसमें अभिनय, पटकथा, चित्रण, ध्वनि, और संपादन शामिल हो सकते हैं। अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए प्रसारण कार्यक्रम योजित करें। सोशल मीडिया, फिल्म फेस्टिवल, और मीडिया के माध्यम से अपनी फिल्म को प्रसारित करें।

स्क्रिप्ट राइटिंग विषय पर श्री ललित सिंह पोखरिया, श्री अमरेन्द्र सहाय, श्री राजीव सिंह, श्री राजवीर रतन ने, प्री प्रोडक्शन एवं पोस्ट प्रोडक्शन विषय पर श्री अंकुर सिंह ने, निर्देशन विषय पर श्री सुशील कुमार सिंह, श्री दिनेश खन्ना, श्रीमती रमा अरूण त्रिवेदी ने, सम्पादन विषय पर मो0 जुबैर खान, डा0 आसिफ खान ने पार्श्व संगीत विषय पर श्री उत्तम चटर्जी ने, छायांकन विषय पर श्री दिनेश जोशी ने तथा पार्श्व स्वर विषय पर श्री जे0पी0 पाण्डेय, डा0 जया तिवारी ने प्रकाश डाला एवं विचार रखे।

कार्यशाला में अपर निदेशक सूचना श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, उप निदेशक सूचना श्री प्रभात शुक्ला, सेवानिवृत्त उप निदेशक सूचना श्रीमती कुमकुम शर्मा, सहायक निदेशक श्री सतीश चन्द्र भारती, प्रशासनिक अधिकारी इलेक्ट्रानिक मीडिया श्री युवराज सिंह परिहार, प्रधान सहायक इलेक्ट्रानिक मीडिया श्री उपेन्द्र, सहयोगी सुनील बत्ता, अभिजीत, पवन सिंह, रियाज सिद्दीकी सहित विभिन्न फिल्म निर्माण से जुड़े विशेषज्ञ एवं मीडिया प्रतिनिधिगण उपस्थित रहें।

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