उत्तर प्रदेशलखनऊसमग्र समाचार

कृष्ण और सुदामा की मनोरम व्याख्या के साथ संपन्न हुई भागवत कथा

कृष्ण और सुदामा की मनोरम व्याख्या के साथ संपन्न हुई भागवत् कथा

सरोजनीनगर के पिपरसंड गाँव में किसान नेता के आवास पर आयोजित भागवत् कथा के अंतिम दिन उमड़ी भक्तों की भारी भीड

समग्र चेतना/ अक्षत सिंह

लखनऊ! सरोजनीनगर के पिपरसंड गाँव में किसान नेता एवं सेवानिवृत्त इजीनियर शिव कुमार सिंह चौहान ” चच्चू ” के आवास पर एक सप्ताह से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के आज आखिरी दिन कथा सुनने सरोजनीनगर के पूर्व विधायक श्याम किशोर यादव पहुंचे साथ ही भागवत् कथा के आखिरी दिन सैकड़ों लोगों ने भागवत् कथा का आनन्द लिया।

श्रीमद्भागवत कथा के व्यास पीठ पर कथा वाचक पंडित सोनू हरि जी महाराज ने कथा के आखिरी दिन कृष्ण और सुदामा के मित्रवत व्यवहार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जब श्रीकृष्ण और बलराम जी अपने पिता के गुरु से आर्शीवाद लेकर संदीपन गुरु जी से शिक्षा लेने उनके आश्रम पहुँचे तो वहाँ पर गुरुदेव के आदेश पर सुदामा के साथ रहकर और मित्रता कर शिक्षण कार्य शुरु किया। शिक्षा समाप्ति पर गुरुमाता को उनका मृतक पुत्र वापस देकर उन्हें आत्मीय प्रसन्नता दी ।

श्रीकृष्ण द्वारिका जाकर राजकाज शुरु किया इधर सुदामा भगवान का असीम भक्त बनकर राजमहल में पुरोहित का कार्य प्रारम्भ किया । सुदामा के मित्र ने राजा के कान सुदामा के प्रति भरे, जिस पर राजा को अपना भगवान न मानने पर राजमहल से पुरोहित की नौकरी सीमाप्त हो गयी, जिस कारण पारिवारिक स्थित दिनोंदिन दयनीय होती चली गयी । अपनी पत्नी के विशेष आग्रह पर अपने सखा श्रीकृष्ण से मिलने जब सुदामा द्वारिका गुजरात के लिए पैदल यात्रा भटकते हुए शुरू की तो भगवान श्रीकृष्ण जी को यह देखकर अपार दुःख हुआ ।

वह एक बैलगाड़ी पर अपना वेश बदल कर मिले और द्वारिका व्यापार करने जाने के बहाने से अपने साथ बैठाकर, रात्रि के दूसरे पहर में ही द्वारिका पहुंचाकर सुबह सुदामा से कहा कि जब घर वापस जाना तो हम यहीं मिल जायेंगे । द्वारिकाधीश के राजमहल के अन्दर जब द्वारपाल उनकी दीनहीन दशा देखकर जाने से रोकने लगे तो सेनापति ने अन्दर ले जाने की आज्ञा दी ।

द्वारपाल ने जब श्रीकृष्ण जी के दरबार में जाकर सुदामा के वेशभूषा व दीनहीनता का वर्णन किया तो अपने मित्र के आगमन पर भगवान दोड़ते हुए द्वार पर आकर सुदामा जी को अन्दर ले जाकर सेवा की । और जब पूछा भाभी ने क्या भेजा तो चावल की पोटली छुपाने लगे, जिसपर भगवान ने छीनकर जब प्रेमरस के चावल खाये तो उनकी पत्नी को धनाढ्य बना दिया, रहने के लिए महल तैयार करा दिया । परन्तु सुदामा भगवान की लीला को समझ न पाये और मन मसोस कर कुछ कह भी न पाये ।

भरे मन से उदास होकर घर वापस जाने लगे और फिर उसी व्यापारी की बैलगाड़ी से वापस गाँव पहुँचे तो वहाँ घासपूस की झोपड़ी के स्थान पर बड़े बड़े महल, और पत्नी को आभूषणों से लैश पाया पूरा गाँव महलों में तब्दील हो गया और जनता सुदामा के श्रीचरणों में झुककर प्रणाम कर रहे थे । वहाँ के राजा ने सुदामा की दिव्यता और भव्यता की चर्चा सुनी वह भी उनके चरणों में गिरकर माफी मांगी । ऐसी मित्रता और मित्र का स्थान भगवान की अपार भक्ती में ही पायी जा सकती है ।

मंगलवार को चच्चू द्वारा आयोजित भंडारे में पहुंचे सत्ता पक्ष व विपक्ष के तमाम नेता

वहीं मंगलवार को पिपरसंड गाँव में चच्चू द्वारा आयोजित भंडारे में भाजपा नेता शिव शंकर सिंह शंकरी, राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे,सपा नेता जगनायक सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता राजकुमार सिंह चौहान, देवेश पांडे, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम गोपाल सिंह चौहान, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अतुल सिंह माखन, सोनू सिंह नटकूर सहित हजारों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने भंडारे में पहुंचकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया

Related Articles

Back to top button
Close