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सरकार के सारथी ’संजय’, ऐसे जीता था CM योगी का भरोसा

सुयश मिश्रा पत्रकार, शोधार्थी

लखनऊ। द्वापर युग में महाभारत के समय धर्मपथ पर चलने वाले अर्जुन के साथ वैसे तो एक से एक योद्धा थे, मार्ग दर्शक मंडली भी कम न थी, लेकिन सारथी के रूप में श्रीकृष्ण की भूमिका सबसे अहम थी। वर्तमान में ’संजय’ सरकार के सारथी की भूमिका में हैं। वैसे उस युग में ’संजय’ धृतराष्ट्र के मंत्री थे और उन्हें दिब्य दृष्टि प्राप्त थी, लेकिन आज के युग में संजय राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने में जुटे योगी आदित्यनाथ के सारथी के रूप में हैं और उन्हें दूरदृष्टि प्राप्त है। अपनी इसी दूरदृष्टि, मेहनत और कुशल नेतृत्व के दम पर ही वह आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

दिल्ली-मेरठ हाइवे पर कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करते CM योगी और साथ में संजय प्रसाद
दिल्ली-मेरठ हाइवे पर कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करते CM योगी और साथ में संजय प्रसाद

बन गए हैं सबसे ताकतवर
वैसे तो प्रदेश में डीजीपी और मुख्य सचिव का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन सीएम योगी के गुड गवर्नेंस में ‘गृह’ और ‘सूचना’ सबसे ज्यादा महत्व रखते हैं। जो भी इन पदों पर रहता है सरकार में उसका कद सबसे बड़ा माना लिया जाता है। वर्तमान में संजय प्रसाद के पास मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ साथ गृह और सूचना दोनों ही पद हैं। साल 2017 से 2022 तक यह पद अवनीश अवस्थी के पास था और उन्हें प्रदेश का सबसे ताकतवर नौकरशाह माना जाता था।

CM योगी के बेहद करीब हैं संजय प्रसाद

कोई भी मंच हो संजय प्रसाद की भूमिका अहम रहती है। हर कार्यक्रम में वह CM योगी के करीब नज़र आ जाते हैं। पद के लिहाज से तो उनका कद बढ़ा है ही, CM योगी की नज़रों में भी वह सबसे विश्वसनीय बने हुए हैं। बड़े बड़े नेता मंत्रियों का उनके दफ्तर में जमावड़ा इस बात की तस्दीक करता है कि CM योगी की नजरों में संजय प्रसाद की कितनी अहमियत है।

दिल्ली-मेरठ हाइवे पर कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करते CM योगी और साथ में संजय प्रसाद

इनके साथ भी किया है काम
बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले 1995 बैच के आईएएस संजय प्रसाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे खासमखास अधिकारियों में शुमार हैं। अपनी कार्यकुशलता और मेहनत के दम पर हर नामुकिन को मुमकिन बनाने बनाने वाले संजय प्रसाद अपने कार्यां से आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। संजय प्रसाद योगी सरकार से पूर्व मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, और बसपा की मायावती सरकार में कार्य कार्य कर चुके हैं इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के बड़े नता राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और राम प्रकाश गुप्ता के साथ भी कार्य किया है। वहीं 2022 के यूपी चुनाव अभियान के दौरान संजय सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में भी कार्य किया है।

दिल्ली-मेरठ हाइवे पर कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करते CM योगी और साथ में संजय प्रसाद

सीएम के हर टेस्ट में पास हुए ‘संजय’
सीएम योगी के हर टेस्ट में संजय प्रसाद पास होते आए हैं। कोरोना संकट के दौरान उन्होंने खूब सराहना अर्जित की क्योंकि उनकी देखरेख में राज्य सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ एक मजबूत और सषक्त अभियान चलाया और वैश्विक ध्यान भी आकर्षित किया। साल 2019 में इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सचिव के रूप में उनका प्रदर्शन और उन्होंने राज्य में इन्वेस्टर समिट के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सीएम योगी का जीता भरोसा
संजय प्रसाद की छवि एक ईमानदार और कुशल अधिकारी की रही है। साल 2019 से पहले सचिव और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रधान सचिव के रूप में सेवा देकर उन्होंने खुद को साबित किया और सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद बन गए। जिसके बाद उन्हें गृह और सूचना दोनों का प्रभार दिया गया। बता दें कि साल 2020 में अवनीश अवस्थी से सूचना सचिव का पोर्टफोलियो ले लिया गया था और नवनीत सहगल को सूचना सचिव की कमान सौंपी गई थी, क्योंकि हाथरस की घटना की वजह से सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी थी। संजय प्रसाद ने पहले फैजाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, बहराइच, लखीमपुर खीरी और महराजगंज जैसे प्रमुख जिलों के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया है और 1999 से 2001 तक गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। कहा जाता है कि तभी से वह सीएम योगी की नजर में आए थे।

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