पत्रकारिता के पितामह का मनाया गया शहादत दिवस

रामनाथ रावत
सिधौली/सीतापुर। भारत में पत्रकारिता सिर्फ पेशा कभी नहीं रहा. यह हमेशा दमन और सामंती ताकतों के खिलाफ प्रतिरोध की भावना को शब्दों में पिरोने का माध्यम भी रहा है। इसी प्रतिरोध की परंपरा के जिम्मेदार वाहक बने गणेश शंकर विद्यार्थी के शहादत दिवस पर सिधौली में तहसील गेट के सामने एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई लेखकों, पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
स्वतंत्र पत्रकार अनुराग आग्नेय ने विद्यार्थी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे देश में साम्प्रदायिक एकता की मिसाल कायम करने वाले महान स्वाधीनता सेनानी थे।
अनूप कुमार ने कहा कि विद्यार्थी जी केवल एक पत्रकार ही नहीं बल्कि कुशल लेखक, सिद्धहस्त पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और क्रान्तिकारियों के सहयोगी थे। भगत सिंह लम्बे समय तक उनके प्रेस में रहे और उसी दौरान अपने महत्वपूर्ण लेख लिखे। इस मौके पर जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी से जुड़े लोग मौजूद थे।



