रीयल टाइम खतौनी में गड़बड़ी के कारण इन्वेस्ट यूपी में हुए निवेश की परियोजनाएँ लटकी अधर में

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ‘रीयल टाइम खतौनी’ (अर्थात जमीन के स्वामित्व और उपयोग से जुड़ी डिजिटल दस्तावेजीकरण प्रणाली) में तकनीकी खामियों के चलते इन्वेस्ट यूपी के तहत चल रही कई निवेश परियोजनाएँ अधर में लटक गई हैं। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी इन्वेस्ट यूपी योजना, जिसके अंतर्गत राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर औद्योगिक विकास को गति देने की योजना बनाई गई थी, अब रीयल टाइम खतौनी में सामने आ रही गड़बड़ियों से बाधित हो रही है।
इन्वेस्टर्स और औद्योगिक उद्यमियों की शिकायत है कि परियोजनाओं के लिए आवंटित जमीनों की खतौनियों में असमानता, स्वामित्व विवाद, और भूमि रिकॉर्ड्स के अद्यतन न होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इससे निवेशक न तो निर्माण शुरू कर पा रहे हैं और न ही परियोजनाओं को समय पर पूरा कर पा रहे हैं। इन मुद्दों की वजह से सरकारी मंजूरी प्रक्रियाओं में देरी हो रही है, जिससे निवेशकों को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
तकनीकी खामियों ने रोकी प्रगति
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल प्रणाली में अचानक हुई गड़बड़ियों ने न केवल सरकारी प्रक्रिया को धीमा किया है, बल्कि निवेशकों के बीच अनिश्चितता भी बढ़ाई है। इसके परिणामस्वरूप, निवेशक राज्य में अपनी परियोजनाओं को लेकर चिंतित हैं और कई ने अपने निवेश को रोकने या स्थानांतरित करने की भी चेतावनी दी है।
सरकारी प्रयास
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इस समस्या को सुलझाने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। साथ ही, राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जल्द से जल्द रीयल टाइम खतौनी में आई गड़बड़ियों को ठीक कर निवेश परियोजनाओं को समय पर आगे बढ़ाया जा सके।
हालांकि, इन्वेस्ट यूपी के अधिकारी इस बात का आश्वासन दे रहे हैं कि सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे और राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखा जाएगा। लेकिन तब तक, रीयल टाइम खतौनी में आई गड़बड़ियों के कारण कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ अधर में लटकी हुई हैं।




