घटना के तीन दिन बाद भी बंथरा पुलिस ने नही दर्ज किया हत्या का मुकदमा

अब मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगायेगा पीड़ित परिवार, सपा नेता ने परिजनों को दिलाया हर सम्भव मदद का भरोसा
लखनऊ। राजधानी के बन्थरा थाना क्षेत्र के नरेरा गाँव में मोनू 22 वर्ष की संदिग्ध मौत की घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज नही किया है, पुलिस अभी भी घटना को दुर्घटना ही बता रही है जबकि मृतक के परिजनों का कहना है कि मोनू की हत्या की गई है।शनिवार को सपा के वरिष्ठ नेता शिवशंकर सिंह संकरी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। बंथरा के नरेरा गांव के रहने वाले सहदेव यादव के पुत्र मोनू 22 वर्ष की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की सूचना पर शनिवार को सरोजनीनगर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी व वरिष्ठ सपा नेता शिव शंकर सिंह चौहान ” शंकरी मृतक के घर पहुंचे और पीड़ित परिवार को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।
वहीं मृतक के पिता सहदेव ने बताया कि पुलिस ने रूपये लेकर हत्या को दुर्घटना दिखाने की साजिश रच रही है जबकि उनके बेटे की हत्या की गई है। मृतक के पिता का कहना है कि जब उनको सूचना मिली तो घटना पर जाकर देखा तो उनका बेटा मृत अवस्था में दरी पर पड़ा था और सिर के नीचे कम्बल व पैरों के पास चप्पल रखी थी और ऊपर से चादर पड़ी थी ऐसा दृश्य दुर्घटना के बाद नही होता है। वहीं ग्रामीणों की माने तो मोनू की हत्या की गई है यह चर्चा पूरे नरेरा गाँव में है लेकिन पुलिस इसे दुर्घटना बता रही है। मृतक के पिता सहदेव ने कहा कि अगर हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार न किया गया तो वो मुख्यमंत्री से शिकायत कर न्याय की गुहार करेंगे।
सहदेव ने कहा कि उनके बडे़ बेटे सूरज की भी इसी तरह 3 वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वहीं शनिवार को जांच अधिकारी हसीना खातून ने भी पीड़ित परिवार के साथ जाकर घटना स्थल का मुयाना किया जहाँ मोनू को मारकर लिटाया गया था। बता दे कि बन्थरा थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह के लेन देन व बड़ी से बड़ी घटनाओं को दबाने के चर्चे बन्थरा क्षेत्र में काफी चर्चित है क्षेत्र में लगभग दो दर्जन से अधिक बड़ी चोरियां तक हो चुकी है जिनका खुलासा आज तक बन्थरा पुलिस नहीं कर पाई है लेकिन अधिकारियों के चहते ऐसे कोतवाल ईमानदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को धूमिल करने पर अमादा है।पुलिस के अधिकारियों से अच्छी सांठगांठ के चलते ११ माह में तमाम कारनामे करने में माहिर ऐसे कोतवाल पर आखिर पुलिस कमिश्नर क्यों मेहरबान है।




