ताश के पत्ते की तरह फेटे गए लखनऊ में थानेदार पर काकोरी थाने को नहीं मिल पाया स्थाई इंस्पेक्टर

ताश के पत्ते की तरह फेटे गए लखनऊ में थानेदार पर काकोरी थाने को नहीं मिल पाया स्थाई इंस्पेक्टर
राहुल तिवारी/ समग्र चेतना
लखनऊ। राजधानी में बीते रविवार से दौड़ रही तबादला एक्सप्रेस की चपेट में कई थाना प्रभारियो व दरोगा सिपाही आए पर लखनऊ के ऐतिहासिक काकोरी थाने को इसके बाद भी स्थाई इंस्पेक्टर नही मिल पाया है यहां की कमान अभी भी विवादों में घिरे अस्थाई इंस्पेक्टर ही हाथ है।
लखनऊ का ऐतिहासिक काकोरी थाना जो आज भी बिना स्वतंत्र इन्सपेकटर के चल रहा है और एक बार फिर लखनऊ का यह ऐतिहासिक थाना स्वतंत्र प्रभार इन्सपेकटर पाने से वंचित रह गया। क्या वाकई मे लखनऊ कमिश्नर के पास काकोरी थाने के लिए स्वतंत्र प्रभार थाना प्रभारी नहीं है या फिर अतिरिक्त थाना प्रभारी विजय यादव का रसूख उन पर भारी पड़ रहा है।
अतिरिक्त थाना प्रभारी से काकोरी क्षेत्र की जनता और उनके मातहत भी नाराज है। लखनऊ का काकोरी जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है। काकोरी थाना अग्रेजी शासन काल की धरोहर है और लखनऊ कमिशनरेट पुलिस की लापरवाही व अनदेखी के चलते आज इस थाने में चार माह से कोई भी थाना प्रभारी नियुक्त नही किया जा सका है।




