अधिकतर छात्र नही भर पाए ओएमआर सीट के गोले

उपस्थित में भी झोल-झाल, कथनानुसार स्कूलों में उपस्थिति में सत्तर बच्चों का आ रहा अंतर
गोंदलामऊ/सीतापुर। बेसिक शिक्षा विभाग शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए नित नए प्रयोग कर रहा है। कक्षाओं के स्तर के हिसाब से लक्ष्यों का निर्धारण करके नवीन कार्यपद्धतियों के माध्यम से शिक्षण कार्य किये जाने की व्यवस्था की गई है। इसी क्रम में लक्ष्यों की पूर्ति के लिए निपुण भारत अभियान चलाया जा रहा है। परिषदीय विद्यालयों की परीक्षा की तैयारियों की पहले हवा निकल गई। विद्यालयों में प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं तो पहुंचा दी गई, लेकिन नकल की रोकथाम का दावा खोखला साबित हुआ।
स्कूलों में पारदर्शिता के चलते पर्यवेक्षको की तैनाती कराई गई थी, जिसमे पर्यवेक्षको की मौजूदगी में ओएमआर को खोलना और बंद करना सरल ऐप के माध्यम से करना शासन का निर्देश था लेकिन सरल ऐप बहुत से जगह पर न खुलना स्कूलों में समस्या बना रहा है। कुछ विद्यालयो में एक ही कमरे में बच्चो को बैठालकर परीक्षा दिलाई गई तो कही एक तरफ बच्चे मिडडेमिल के लिए लाइन लाये थे तो वही दूसरी तरफ शिक्षक बच्चो का ओएमआर भरते रहे। फिलहाल जैसे तैसे शिक्षकों द्वारा परीक्षा पूर्ण कर इतिश्री कर ली गयी लेकिन स्कूलों में छात्रों की उपस्थित में झोलझाल। कई स्कूलों में सत्तर से ज्यादा उपस्थिति का झोलझाल दिखा। परीक्षा का समय एक से तीन कक्षा तक का 9 से 12 था और चार और पांच का 12 से 3 था।
हाल फिलहाल खंड शिक्षा अधिकारी ने मामले को लेकर जांच कराने की बात कही है। मंगलवार को समय 11.59 मिनट पर ग्वाली को देखा गया। विद्यालय में पंजीकृत छात्रों की संख्या 171 है जिसमे से 129 बच्चे उपस्थित थे। प्रधानाध्यापिका रूबी शुक्ला,सहायक अध्यापिका सोनी वर्मा ,नीलम यादव शिक्षा मित्र राकेश उपस्थित थे। पर्यवेक्षक चंद्रदीप भी मौके पर मौजूद थे। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि उपस्थित बच्चो में 10 से 15 बच्चे रोजाना एमडीएम नही खाते है। समय 12.18 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर को देखा गया।यहाँ पर पर्यवेक्षक अल्का देवी को बनाया गया है। विद्यालय में एक से पांच तक की कक्षा में पंजीकृत छात्रों की संख्या 221 में से 208 बच्चो को उपस्थित दिखाया गया। वही कक्षा एक से तीन में 139 पंजीकरण बताया गया कि जिसमें 69 उपस्थित बताया गया। अब सवाल उठता है कि जब कक्षा एक से तीन में 70 बच्चे नही आये तो टोटल में सिर्फ 13 बच्चो को क्यो अनुपस्थित दिखाना। हाल फिलहाल स्कूल में इस तरह से उपस्थिति दर्ज करना सवालों के घेरे में है।
मामले में खंड शिक्षा अधिकारी पुष्पराज का कहना है संकुल प्रभारी को भेज कर जांच कराई जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में परीक्षा हुई। महमूदाबाद संवाददाता के अुनसार निपुण भारत अभियान के तहत महमूदाबाद विकास खण्ड में निपुण असेसमेंट टेस्ट का आयोजन किया गया। पूरे विकास खण्ड में यह परीक्षा उत्सव के माहौल में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपने विद्यालयों को होर्डिंग्स,बैलून्स और अन्य वस्तुओं से सजाया। विभाग द्वारा यह परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई जा रही है। सभी विद्यालयों तक निश्चित समय में ओएमआर शीट्स व प्रश्नपत्र पहुंचा दिये गए। परीक्षा के बाद सरल ऐप पर सभी ओएमआर शीट्स को स्कैन किया जाएगा,फिर परीक्षाफल तैयार होगा।
खण्ड शिक्षा अधिकारी उदयमणि पटेल ने जानकारी देते हुए बताया इस परीक्षा के सफल आयोजन के लिए पिछले कई दिनों से शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा विशेष कोशिशें की जा रही हैं। सोमवार को महिलाओं का अवकाश होने के बावजूद नब्बे शिक्षिकाओं ने विद्यालय में उपस्थित होकर परीक्षा की तैयारी में योगदान दिया था। बीडीओ विवेकमणि त्रिपाठी ने प्राथमिक विद्यालय बघाइन में पहुंचकर परीक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया। उत्कृष्ट व्यवस्था व सजावट को देखकर विद्यालय के स्टाफ की प्रशंसा की। कम्पोजिट विद्यालय महमूदाबाद नवीन व प्राचीन, प्राथमिक विद्यालय सुहेला, गोधौरा, कम्पोजिट विद्यालय खपूरा, लोनियनपुरवा, प्राथमिक विद्यालय लैलखुर्द सहित कई विद्यालयों को व्यवस्थित ढंग से सजाया गया।
बाढ़ के पानी में होकर विद्यालय में दी एनएटी परीक्षा
बिसवां/सीतापुर। विकास खण्ड के अन्तर्गत बसुदहा में मंगलवार परिषदीय विद्यालयों में आयोजित निपुण भारत अभियान के तहत परीक्षा में स्कूली बच्चे बाढ़ का पानी उतरकर विद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने ओएमआर सीटें भरीं। गत दिनों क्षेत्र में हुई लगातार भारी बारिश से जगह जगह पानी का भराव हो गया था किन्तु लगभग तीन दिन पूर्व निकट बह रही किवानी नदी की विकरालता से बसुदहा गांव सहित आसपास क्षेत्र में बाढ़ का पानी भर गया है। बताते हैं कि किवानी नदी में पानी छोड़े जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
उच्च प्राथमिक विद्यालय बसुदहा के प्रांगण में भी पानी भरा हुआ है। मंगलवार आयोजित निपुण भारत अभियान के तहत विद्यालय में होने वाली परीक्षा देने के लिए नन्हे नन्हे बच्चों को बच्चों को सड़क से लगभग तीन सौ मीटर तक पानी में होकर विद्यालय पहुंचना पड़ा जहां उन्होंने परीक्षा दी। बच्चों में इतना अधिक रोष था कि संवाददाता के विद्यालय पहुंचते ही बच्चे फोटो खिंचवाने के लिए हाथों में ओएमआर शीट लेकर कक्ष से बाहर आ गये। विद्यालय में उपस्थित प्रधानाध्यापक कुलदीप उपाध्याय और शिक्षक अश्विनी कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि विद्यालय परिसर बहुत नीचा होने से यहां थोड़ी ही बारिश में पानी भर जाता है। इधर बाढ़ का पानी भर जाने से तीन दिनों से समस्या और विकट हो गयी है। सड़क से नीचे होते ही इसी गंदे पानी में होकर हम शिक्षकों सहित बच्चों को भी विद्यालय पहुंचना मजबूरी हो गया है। पानी भरा होने से बच्चों में रोग फैलने की आशंकाएं हो गयी हैं। आज विद्यालय में एनएटी परीक्षा थी, जिसमें कुल पंजीकृत 167 बच्चों के सापेक्ष 126 बच्चे परीक्षा में सम्मिलित हुये। परीक्षा सकुशल सम्पन्न हो गयी।




